अमरजीत सिंह
अयोध्या ब्यूरो।सत्ता का केंद्र बिंदु रही अयोध्या में भाजपा सहित सभी विपक्षी दलों के प्रत्याशियों ने सीट जीतने के लिए अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा दिया है। क्योंकि देश की सत्ता का रास्ता यहीं से ही होकर जाता है ऐसा लोगों का मानना है। सत्ता का केंद्र बिंदु रही भाजपा सहित सभी प्रमुख दलों में अयोध्या को जीतने के लिए स्टार प्रचारकों की फौज उतारने की होड़ गई हैं।
भाजपा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह केशव प्रसाद मौर्य आदि व गठबंधन में शामिल सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती का कार्यक्रम लग चुका है। और वहीं कांग्रेस पार्टी भी अपने स्टार प्रचारकों के कार्यक्रम लगवाने के प्रयास में है। यहां से विगत लगातार चार बार विधायक व 2014 में भाजपा पार्टी ने सांसद लल्लू सिंह पर दांव लगाया है। पिछले चुनाव में 491761 मत पाकर पहले स्थान पर और सांसद हैं। और दूसरे स्थान पर सपा प्रत्याशी स्वर्गीय मित्र सेन यादव 208986 मत पाकर दूसरे स्थान पर बसपा प्रत्याशी बीकापुर के पूर्व विधायक बबलू सिंह 181827 मत पाकर तीसरे और कांग्रेस के पूर्व सांसद व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ निर्मल खत्री एक लाख 29 हजार नौ सौ सत्रह मत पाकर चौथे स्थान पर थे।
वर्तमान समय में भाजपा से लल्लू सिंह सपा बसपा गठबंधन से आनंद सेन यादव कांग्रेस से डॉ निर्मल खत्री लोक गठबंधन पार्टी से पूर्व डीएम विजय शंकर पांडे निर्दलीय राजबहादुर उर्फ राजन पांडे सहित 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।जिनके लिए आगामी 6 मई को यहां कि साढे सत्रह लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करके अपना सांसद चुनेंगे।
अबकी बार भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे से राम मंदिर निर्माण बाहर होने और मंदिर आंदोलन से जुड़े पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को चुनाव में टिकट ना देकर उनको चुनाव से दूर रखने से यहां की जनता में और वहीं पर आगामी 1 मई को प्रधानमंत्री की अयोध्या और अंबेडकर नगर लोक सभा क्षेत्र के सीमा मया बाजार में चुनावी जनसभा में भाग लेने और अयोध्या से दूरी बनाए रखने पर यहां के भारी संख्या में संत महंतों में नाराजगी देखी जा रही है।
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