विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य संगोष्ठी का आयोजन सम्पन्न
आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। आज गुरुवार को मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ हरगोविन्द सिंह ने कहा कि जनपद में ज्वर रोग के निरोधात्मक व उपचारात्मक सुविधाओं का पूरा खयाल रखा जा रहा है। समस्त ब्लाक स्तरीय चिकित्सालयों व संयुक्त जिला चिकित्सालय में पैथोलोजिकल जांच की सुविधा उपलब्ध है। जहां रोगियों का समुचित उपचार किया जाता है।
संक्रामक रोगों से निबटने के लिए विभाग ने अपनी तैयारी पूर्ण कर ली है। यह बातें उन्होने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के सभागार में विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर आयोजित जिला स्तरीय स्वास्थ्य संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि कही। सीएमओ ने आगे कहा कि संक्रामक रोगों के संचरण काल में मच्छरों के बढ़ने की संभावना होती है। मलेरिया के साथ डेंगू आदि ज्वर रोग बढ़ते हैं। इस पर पूरी तरह से निगरानी करने की जरूरत है। इस अवसर पर जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने कहा कि पूरे विश्व में हर साल 21 करोड़ लोग मलेरिया से ग्रसित होते है। पिछले साल 4 लाख रोगियों की मौत मलेरिया से हुई।
मरने वालों में चार प्रतिशत रोगी भारत के थे। इसलिए इस बीमारी को गंभीरता से लेने की जरुरत है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ केएम मिरा ने बताया कि मलेरिया एक वेक्टर जनित रोग है। इसके उपचार से पूर्व बचाव पर बल देने की आवश्यकता है। लार्वानाशक औषधियों का साप्ताहिक छिड़काव करने के साथ मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ एके सिन्हा ने बताया कि आरबीएसके टीम जो नियमित रुप से स्कूलों में बच्चों की जांच करती है, उनकी जिम्मेदारी है कि स्कूलों के साथ जनमानस में ज्वर रोगियों के ट्रैकिंग व उपचार के बारे में अवगत कराएं। सहायक मलेरिया अधिकारी सुनील चौधरी ने कहा कि जनपद में वेक्टर जनित रोगों से बचाव के लिए गत वर्ष विभिन्न विभागों के सहयोग से संचारी रोग / दस्तक अभियान चलाया गया।
जिसके परिणामस्वरुप ज्वर रोगियों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है। कार्यक्रम में विभिन्न प्रभागों के चिकित्सकों के अतिरिक्त एएनएम, स्टाफ नर्स, आशा कार्यकर्ता व मलेरिया विभाग के अधिकारी कर्मचारी तथा आरबीएसके टीम के सदस्यगण भी उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त जिले के हर सीएचसी, पीएचसी व अन्य चिकित्सा केन्द्रों पर मलेरिया को लेकर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
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