आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। जिले के इंसेफेलाइटिस इलाज केंद्रों में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करके उन्हें इन बीमारियों से पीड़ित बच्चों के इलाज की अद्यतन जानकारियां दी जाएंगी। ताकि बच्चों में इंसेफेलाइटिस व एईएस के जरिए होने वाली मृत्यु दर व अपंगता को रोका जा सके। उक्त जानकारी देते हुए जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि जिले के कुल नौ इंसेफेलाइटिस केंद्रों में तैनात 51 कर्मियों को तीन चरणों में प्रशिक्षित किया जाएगा।
उन्हें इंसेफेलाइटिस से पीड़ित बच्चों के इलाज में बरती जाने वाली सावधानियों के साथ ही निगरानी के तौर तरीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी। हर बैच में 17 कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहला बैच 26 अप्रैल से 1 मई तक, दूसरा बैच 2 मई से 7 मई तक तथा तीसरा बैच 8 मई से 13 मई तक प्रशिक्षण लेगा। यह प्रशिक्षण मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के सभागार में होगा। इसमें डॉ वीपी पाण्डेय, डॉ मोहन झा, डॉ संतोष कुमार त्रिपाठी और डॉ सुनील कुमार विभिन्न सत्रों में इन कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे। जिले में सब नौ जेई/एईएस अथवा इंसेफेलाइटिस इलाज हेतू केंद्र हैं।
इसमें बघौली, खलीलाबाद, नाथनगर, पौली, सेमेरियांवा व सांथा में कुल छ: इंसेफेलाइटिस इलाज केंद्र हैं। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेंहदावल व हैन्सर में कुल दो मिनी पिडियाट्रिक आईसीयू है। जबकि संयुक्त जिला चिकित्सालय में 10 बेड का एक पीआईसीयू है। जिसमें जेई/एईएस से पीड़ित बच्चों का इलाज होता है।
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