सुनील उपाध्याय
बस्ती । पूर्व आईएएस मेधा संस्थापक स्व0 लक्ष्मीकान्त शुक्ल को उनक 66 वें जन्म दिन पर रविवार को याद किया गया। कम्पनीबाग के निकट स्थित रासल पुस्तकालय पर आयोजित कार्यक्रम में मेधा प्रवक्ता दीन दयाल त्रिपाठी ने कहा कि छात्रों को आर्थिक आधार पर शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति की सुविधा, जाति मुक्त संविधान की परिकल्पना देने वाले लक्ष्मीकान्त को सेवा काल में ही जाति राज पुस्तक लिखने के कारण बसपा की सरकार में उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। उनकी किताब जातिराज को तत्कालीन सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया इसके बावजूद वे डिगे नहीं और शिक्षा, जातिगत आरक्षण के सवाल पर सड़क से सर्वोच्च न्यायालय तक आखिरी सांस तक लड़ते रहे।
डीडी तिवारी ने कहा कि यदि लक्ष्मीकान्त शुक्ल के संकल्पों, सिद्धान्तों का दृढता से पालन हो मतो अनेक समस्याओं का समाधान हो जायेगा। कहा कि मेधा उनके सपनों को पूरा करने की दिशा में निरन्तर प्रयत्नशील है, जब तक जाति मुक्त संविधान का सपना पूरा नहीं होता संघर्ष अनवरत जारी रहेगा।
पूर्व आईएएस मेधा संस्थापक स्व0 लक्ष्मीकान्त शुक्ल के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन् करने वालों में सूर्य कुमार शुक्ल, जय प्रकाश गोस्वामी, उमेश पाण्डेय ‘मुन्ना’, राहुल तिवारी, प्रवेश शुक्ल, ऋषभ शुक्ल, नीतिन शुक्ल, अंकुर पाण्डेय, कैलाशनाथ शर्मा, कमलेश दूबे, विशाल पाण्डेय, अंकुर, दुर्गेश दूबे, वृजेश दूबे आदि शामिल रहे। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में मेधा प्रवक्ता दीन दयाल तिवारी ने लक्ष्मीकान्त शुक्ल कृत ‘ जातिराज’ पुस्तक भेंट किया।
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