अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। सरकारी अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं के लिए एक अच्छी खबर है। जिले में मातृ एवं शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए लक्ष्य नाम से एक नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत जिला महिला अस्पताल सहित 8 स्वास्थ्य केन्द्रों को शामिल किया गया है। इसके बाद अब मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को और बेहतर बनाया जाएगा। अब लेबर रूम और ऑपरेशन थिएटर में प्रसूताओं को आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी।
संयुक्त जिला चिकित्सालय में शनिवार को युनिसेफ के डिविजनल माॅनीटर अमित श्रीवास्तव ने निरीक्षण के दौरान वहां तैनात स्टाफ नर्सो को जानकारी देते हुए बताया कि प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं व उनके परिजनों को बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया जाए। जैसे एक घंटे के भीतर नवजात को स्तनपान, नाल पर कुछ ना लगाया जाए, नवजात को एक सप्ताह तक स्नान ना कराया जाए तथा 1800 ग्राम से कम वजन के बच्चों को एसएनसीयू वार्ड के लिए तुरंत रिफर कर दिया जाए।
मेडिकल आफिसर डा. रश्मि यादव ने बताया कि प्रसूताओं को अच्छी सुविधा देने के लिए लक्ष्य योजना के तहत लेबर रूम का कायाकल्प कर सभी सुविधाओं से लैस किया जा रहा है जिसमें प्रसव के दौरान मां और बच्चे का पूरा ख्याल रखा जाएगा। उन्होने बताया कि स्टाफ नर्सो को पूरी तरह से प्रशिक्षित किया गया है। उन्हे निर्देश दिया गया है कि प्रसूता के साथ आने वाले परिजनों के साथ अच्छा व्यवहार करें जिससेे संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिल सके। इस दौरान सावित्री, दीपा, अंजली, प्रियंका, कल्पना गुप्ता, संगीता आदि स्टाफ नर्स मौजूद रहीं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. घनश्याम सिंह ने बताया कि जिले में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर एक बड़ी समस्या बनी हुई है। मातृ एवं शिशु मृत्युदर को नियंत्रित करने के लिए लक्ष्य नामक योजना शुरू की गई है। इस योजना में जिला महिला चिकित्सालय व जिला संयुक्त चिकित्सालय सहित सीएचसी तुलसीपुर, गैसड़ी, पचपेड़वा, शिवपुरा, उतरौला और सादुल्लाहनगर को शामिल किया गया है, जिसके तहत अस्पताल के लेबर रूम और ऑपरेशन थिएटर में आधुनिक उपकरणों की सुविधाओं के साथ प्रसव से जुड़ी नई तकनीकी का प्रयोग किया जाएगा। इसके साथ ही प्रसव के दौरान महिलाओं को आरामदायक सुविधा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए है।
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