अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। सिद्धार्था विश्वविद्यालय सिद्धार्थ नगर से संबंध किसी भी महाविद्यालय में अब नकल नहीं हो पाएगी । स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के प्रबंधकों के लिए यह एक साक भरी खबर हो सकती है । विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे ने समस्त परीक्षा केंद्रों के लिए अस्पष्ट निर्देश जारी किया हुआ है । विश्वविद्यालय से संबद्ध विभिन्न महाविद्यालयों में प्रोफेशनल शिक्षा के विषयों को शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है । इसके लिए स्ववित्तपोषित महाविद्यालय के संचालकों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा ।
इस आशय की जानकारी देते हुए सिद्धार्था विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे ने आज महारानी लाल कुंवारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी । प्रोफेसर दुबे ने कहा कि सिद्धार्था विश्वविद्यालय से कुल 264 महाविद्यालय संबद्ध हैं । वर्ष 2019 की परीक्षा नकल विहीन व शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए 154 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं ।इस बार एक लाख 96 हजार 77 परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित हो रहे हैं । 22 फरवरी से शुरू हुई महाविद्यालय की परीक्षा अभी चल रही है । उन्होंने बताया कि परीक्षा के साथ-साथ परीक्षाफल भी लगातार घोषित किए जा रहे हैं । अब तक 48 में से 28 परीक्षा फल घोषित भी किए जा चुके हैं । उन्होंने बताया कि यह पहला मौका है जब इतना त्वरित गति से परीक्षाफल घोषित किया जा रहा है ।
उन्होंने इसके लिए महाविद्यालयों के समस्त प्राध्यापकों को बधाई भी दी । प्रोफेसर दुबे ने बताया कि अब तक एम ए प्रथम वर्ष की 11, एम ए द्वितीय वर्ष का 10, एमएससी कृषि प्रथम वर्ष का दो, एम एस सी कृषि द्वितीय वर्ष के दो तथा स्नातक वाणिज्य बीकॉम प्रथम वर्ष के तीन परीक्षा फल घोषित किए जा चुके हैं । उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि हम किसी भी दशा में महाविद्यालयों में नकल नहीं होने देंगे । इसके लिए पूरी रणनीति पहले से ही तैयार किया जा चुका है । नकल ना हो इसलिए उन्होंने इस वर्ष की परीक्षा में सचल दल की व्यवस्था को समाप्त कर दिया है । उनका मानना है कि सचल दल महाविद्यालयों में अधिक समय नहीं दे पाते हैं ।
सचल दल के स्थान पर अब सभी परीक्षा केंद्रों पर दो दो ऑब्जर्वर नियमित रूप से नियुक्त किए गए हैं जिनकी देखरेख में परीक्षाएं संपन्न हो रही हैं । इसके अलावा सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी वॉइस रिकॉर्डर के साथ लगाए गए हैं । सभी केंद्रों से सीसीटीवी के फुटेज मंगवाए जा रहे हैं । सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मॉनिटरिंग की जाएगी ।यदि किसी परीक्षा केंद्र पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई गई तो आगामी परीक्षा में वो परीक्षा केंद्र निरस्त कर दिया जाएगा । उन्होंने कहा कि इस वर्ष कोई भी निजी महाविद्यालय को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया है । निजी विद्यालयों के संचालकों द्वारा इसके लिए उनके ऊपर तमाम दबाव भी बनाए गए । उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया कि स्ववित्त पोषित महाविद्यालयों के तमाम पहुंच वाले संचालकों द्वारा विभिन्न मंत्रियों, सांसदों तथा विधायकों द्वारा दबाव डालने की कोशिश की गई परंतु उन्होंने किसी भी दबाव में आए बगैर स्वकेंद्र प्रणाली को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है ।
उसी का नतीजा है कि सिद्धार्था विश्वविद्यालय से संबद्ध 264 महाविद्यालयों में केवल 154 को ही परीक्षा केंद्र बनाया गया है । अगली परीक्षा 2020 में परीक्षा केंद्र घटाकर 100 के आसपास कर दिया जाएगा । उन्होंने नकल विहीन परीक्षा कराने में यूपी गवर्नमेंट के सहयोग से सफलता मिलने की बात कही । उन्होंने यह भी खुलासा किया कि अभी तक की सरकारें नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए समुचित सहयोग नहीं कर रही थी जिसके कारण स्ववित्तपोषित तमाम परीक्षा केंद्रों पर नकल कराने की सुविधाएं प्रबंधकों द्वारा मुहैया कराई जाती रही हैं । उसी का नतीजा है कि शिक्षा का स्तर काफी नीचे जा चुका था । उन्होंने बताया कि विगत 2 वर्षों से कराई जा रही नकल विहीन परीक्षा के बाद अब शिक्षा का स्तर धीरे-धीरे ऊपर जाएगा ।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि आगामी शिक्षा शास्त्र से प्रोफेशनल शिक्षा के कुछ विषयों को शुरू करने पर विचार किया जा रहा है ।उन्होंने स्ववित्त पोषित महाविद्यालयों के प्रबंधकों से अपील की है कि जो लोग प्रोफेशनल शिक्षा अपने महाविद्यालयों में शुरू करना चाहते हैं उसमें विश्वविद्यालय द्वारा पूरा सहयोग प्रदान किया जाएगा बशर्ते की संबंधित विषय की पूरी शर्तों को पूरा किया गया हो । प्रेस वार्ता के दौरान कुलसचिव सिद्धार्था विश्वविद्यालय डॉ राकेश सिंह, प्राचार्य एमएलके पीजी कॉलेज डॉक्टर आरके सिंह, डीन एसके सिंह, डॉक्टर राजीव रंजन श्रीवास्तव, डॉ आर के पांडे व मीडिया प्रभारी डॉ देवेंद्र चौहान सहित एमएलके पीजी कॉलेज के कई प्राध्यापक मौजूद थे ।
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