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पूजन पूजन अर्चन के बाद निकाली गई भव्य कलश यात्रा










अखिलेश्वर तिवारी/वेद प्रकाश मिश्र 
बलरामपुर ।। जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय पर आज से शुरू होने वाले शक्ति संवर्धन 51 कुंडीय गायत्री महायज्ञ की कलश यात्रा विधिवत पूजन अर्चन के उपरांत गायत्री मंदिर से निकाली गई । 






शोभा यात्रा में मां गायत्री व सरस्वती के साथ साथ देश के गौरव बढ़ाने वाले विंग कमांडर अभिनंदन को भी दर्शाया गया । आयोजक मंडल के अशोक गुप्ता का कहना है की शक्ति संवर्धन 51 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के आयोजन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय जागरण एवं विश्व कल्याण के साथ साथ युवाओं के अंदर राष्ट्रीयता की भावना जागृत करना है । 








शोभा यात्रा के दौरान विंग कमांडर अभिनंदन को दर्शाने का उद्देश्य भी युवाओं के अंदर देश प्रेम तथा राष्ट्रीयता जागृत करना है । गायत्री महायज्ञ के आयोजन से देश की राष्ट्रीय एकता अखंडता को बढ़ावा मिलेगा तथा समाज में फैली तमाम तरह की कुरीतियों के प्रति लोग जागृत होंगे ।महिला सशक्तिकरण के तहत महिलाओं को उचित सम्मान व स्थान दिए जाने का भी गायत्री परिवार वकालत करता है । 




महायज्ञ 27 मार्च से प्रारंभ होकर 31 मार्च तक चलेगा । उन्होंने बताया कि  






27 मार्च को प्रातः मंगल कलश शोभायात्रा जिला मुख्यालय के गायत्री शक्ति पीठ से प्रारंभ हुई जो यज्ञ स्थल रमना पार्क पर जाकर समाप्त हुई । इसी दिन सायंकाल 6 बजे से संगीतमय प्रवचन तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे । 28 मार्च को प्रातः 7 से देव आवाहन पूजन तथा गायत्री महायज्ञ होगा । सायंकाल काल 6 से 9 ब तक संगीत में प्रवचन किया जाएगा 29 मार्च को प्रातः 7 बजे से गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार कार्यक्रम आयोजित होंगे, दोपहर 2 बजे कार्यकर्ता गोष्ठी तथा सायंकाल 6 से 9 बजे तक संगीतमय प्रवचन होगा । 30 मार्च को प्रातः 7 बजे से गायत्री महायज्ञ कार्यक्रम के उपरांत 6 से 9 बजे तक संगीतमय प्रवचन एवं विराट दीप महायज्ञ संपन्न होगा । अंतिम दिनांक 30 मार्च को प्रातः 7 बजे से गायत्री महायज्ञ संस्कार एवं पूर्णाहुति के बाद बिदाई संपन्न किया जाएगा । पांच दिवसीय गायत्री महायज्ञ के दौरान विभिन्न प्रकार के संस्कार जैसे नामकरण, विद्यारंभ, मुंडन, दीक्षा, विवाह तथा यज्ञोपवीत संस्कार भी संपन्न कराए जाएंगे जिसकी पूरी व्यवस्था निशुल्क होगी । संस्कार में भाग लेने के लिए एक दिन पूर्व पंजीकरण कराना जरूरी है । आयोजकों द्वारा यह भी बताया गया है कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रहने तथा भोजन की पूरी व्यवस्था निशुल्क रहेगी । कलश यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं सम्मिलित हुई जो कलश पूजन के उपरांत हाथ में लेकर पूरी यात्रा पैदल चल कर यज्ञ स्थल तक पहुंची जहां पर कलश को स्थापित किया गया ।

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