अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। भारतीय जनता पार्टी द्वारा आज शाम जारी की गई प्रत्याशियों की सूची में श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र से वर्तमान सांसद दद्दन मिश्रा को आगामी लोकसभा 2019 के लिए प्रत्याशी बनाया गया है । इस सूची के बाद आप तमाम तरह प्रत्याशी के चयन को लेकर लगाए जा रहे कयास पर विराम लग गया है ।
हालांकि आज दोपहर में भाजपा द्वारा आयोजित विजय संकल्प सभा के दौरान अमित शाह के करीबी माने जाने वाले गुजरात सरकार में पूर्व गृह राज्य मंत्री रहे वर्तमान में यूपी के प्रभारी गोवर्धन भाई पटेल ने अपने संबोधन में ही दद्दन मिश्रा को श्रावस्ती प्रत्याशी कहकर संबोधित किया था ।उन्होंने दद्दन मिश्रा को भारी मतों से जीता कर दिल्ली भेजने की अपील भी की थी । उनके उद्बोधन के बाद से ही लोगों को विश्वास होने लगा था कि श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र से दद्दन मिश्रा ही प्रत्याशी होंगे । यह आशंका सायंकाल काल सूची जारी होने के बाद विश्वास में बदल गई जब दद्दन मिश्रा का नाम सूची में 19वें नंबर पर शामिल किया गया जिसमें श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी दद्दन मिश्रा को घोषित किया गया है । सांसद दद्दन मिश्रा को दूसरी बार प्रत्याशी बनाए जाने पर उनके तमाम समर्थकों ने भाजपा नेतृत्व सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है ।
बताते चलें कि सांसद दद्दन मिश्र क्षेत्र में रहने वाले जनपद बलरामपुर तथा श्रावस्ती के ऐसे पहले सांसद हैं जिन्होंने अपना अधिकांश समय क्षेत्र में ही बिताया है । यहां तक कि विरोधी उन्हें बरही छठी मुंडन तथा ब्याह के सांसद बताने लगे थे । शायद उन्हें पार्टी ने क्षेत्र में रहने का ही तोहफा दोबारा प्रत्याशी चुन कर दिया है । जानकारों की मानें तो दद्दन मिश्र की लोकप्रियता और क्षेत्रीय जनता के बीच पहुंच तथा सरल स्वभाव का ही परिणाम है जिसके कारण दूसरी बार प्रत्याशी बनाया गया है । माना जा रहा था कि इस बार प्रत्याशी बनाना आसान नहीं होगा ।
हालांकि दद्दन मिश्रा ने हमेशा पार्टी नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए अपने आप को प्रत्याशी की दौड़ में सबसे आगे माना था । उनके विरोधियों ने उन्हें भ्रमित करने तथा बदनाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी । विरोधियों की चाल के कारण उन्हें एक बार सफाई भी देनी पड़ी जब सोशल मीडिया पर एक खड़यंत्र के तहत कुछ लोगों ने उन्हें भाजपा छोड़कर अपने पुराने घर अर्थात बसपा में वापसी तक का खबर प्रसारित कर दिया था । आज प्रत्याशी घोषित होने के बाद सारे विरोधी एक साथ धराशाई हो गए हैं ।
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