वासुदेव यादव
अयोध्या । राम नगरी अयोध्या के संत महन्त पुलिस प्रशासन से सब नाराज है। नाराजगी का कारण आये दिन व संतो पर गत दिनों दर्ज हुए सभी फर्जी दर्ज मुकदमें है। संतो ने प्रशासन को सात दिन का अल्टीमेटम दिया है। फर्जी मुकदमों के न हटने पर आन्दोलन की धमकी दी है।
इस सम्बंध में धर्मनगरी के संत-महंतों की एक बैठक जानकीघाट बड़ास्थान में सम्पन्न हुई, जिसकी अध्यक्षता राजा दशरथ महल के विन्दुगाद्याचार्य महन्त देवेन्द्र प्रसादाचार्य महाराज ने की।
उन्होंने कहा कि समाज में कुछ लोग संत-महंतों के ऊपर अनुचित मुकदमा दर्ज कराकर स्वार्थ सिद्धि हेतु सरकार को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। जो कदापि उचित नही है। लगभग एक महीने का समय हो गया। लेकिन प्रशासन की तरफ से महन्त जन्मेजय शरण के ऊपर दर्ज फर्जी मुकदमें में न एफआर लगाया गया और न ही कोई जांच हुई।
जबकि इसी तरह तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महन्त परमहंसदास पर झूठा मुकदमा दर्ज कराकर उन्हें अपमानित कर जेल भेजा गया और हनुमत भवन के महन्त सियाराम शरण पर झूठा मुकदमा कायम कराकर उनका उत्पीड़न किया गया।
रामनगरी में ऐसे और भी कई संत-महंत हैं जो झूठे मुकदमें का शिकार हुए हैं। इस तरह का जबरदस्ती मुकदमा दर्ज कर साधु सन्त समाज को अपमानित करने का कार्य किया गया। इससे सिर्फ साधु समाज को ही नही, बल्कि योगी-मोदी सरकार को भी बदनाम करने का काम किया जा रहा है। अगर इस तरीके से साधु समाज को अपमानित करने का काम किया जायेगा।
तो देश-दुनिया के लोग क्या कहेंगे? जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क़रीबी व दिगम्बर अखाड़ा के महन्त सुरेश दास ने कहाकि साधु-संतों के ऊपर दर्ज फर्जी मुकदमें की बात को हम सीएम योगी तक लेकर जायेंगे। बहुत जल्द ही संतो का एक प्रतिनिधि मण्डल सीएम से मिलेगा और उन्हें इस बात से अवगत करायेगा।
वहीं जानकीघाट बड़ास्थान के रसिकपीठाधीश्वर महन्त जन्मेजय शरण ने कहा कि अयोध्या में कुछ आज़कल भूमाफिया मोदी-योगी की छवि को धूमिल व बदनाम करने की नीयत से संत-धर्माचार्यों पर झूठे मुकदमों में फंसाकर उनका उत्पीड़न करने में लगे हुए हैं। जिससे होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा का भारी नुकसान होगा और पार्टी की लुटिया डूबेगी।
उन्होंने कहाकि वह स्वयं बीजेपी नेता परमानन्द मिश्र के द्वारा फर्जी मुकदमें के शिकार हुए हैं। महन्त जन्मेजय ने कहाकि इसी झूठे मुकदमें के आधार पर हमारे शस्त्र लाइसेंस को निलंम्बित करने की नोटिस पूर्व जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार पाठक द्वारा भेजी गई।
यहां तक कि हमारी ज़बरन सुरक्षा-व्यवस्था भी हटा ली गई है, जिससे बराबर मुझे इन सभी भूमाफियाओं व अराजक तत्वों से जान का खतरा बना हुआ है। यदि भविष्य में मुझे कोई भी खतरा होता है। तो उसका जिम्मेदार प्रशासन होगा व मेरे सभी विपक्षी होंगे।
आचार्य पीठ तपस्वी के उत्तराधिकारी महन्त परमहंसदास ने कहाकि आजकल सभी भूमाफिया व अराजक तत्व अयोध्या की बहुत बड़ी समस्या बने हुए हैं। वह संत-महात्माओं के ऊपर झूठे केस लगवा रहे हैं। शासन-प्रशासन सात दिन के अन्दर संत-महंतों के ऊपर दर्ज फर्जी मुकदमें में एफआर लगवाकर समाप्त करवाए।
इस बैठक में मुख्य रूप से उदासीन आश्रम रानोपाली के महन्त डॉ. स्वामी भरतदास, सिद्ध बाबा नरसिंह दास, समाजवादी संतसभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महन्त भवनाथ दास महराज, लक्ष्मणकिला धीश महन्त मैथिलीरमण शरण, बड़ा भक्तमाल के उत्तराधिकारी महन्त अवधेश दास, हनुमत सदन महन्त अवध किशोर शरण, महन्त माधवदास रामायणी, जगद्गुरू रामानुजाचार्य रघुनाथ देशिकाचार्य, लवकुश मन्दिर महन्त रामकेवल दास, महन्त अर्जुन दास, चतुर्भुजी मन्दिर विद्या कुंड के महन्त पहाड़ी बाबा, महा मण्डलेश्वर प्रेमशंकर दास रामायणी, महन्त राम लोचन शरण, डॉ. सुनीता शास्त्री, नागा हरीदास, नागा रामलखन दास, नव्य न्यायाचार्य तुलसीदास, हनुमत भवन के महन्त सियाराम शरण, महन्त रामशंकर दास रामायणी, महन्त राममंगल दास रामायणी, महन्त विजयराम दास, महन्त रामरक्षा दास, स्वामी छविराम दास, महन्त अंजनी शरण, महन्त छोटू शरण, महन्त रामभजन दास, महन्त राममिलन दास, रामदास दयालु, लाल साहब के अधिकारी रामनरेश शरण, मिथिला बिहारी दास, पहलवान अनिरूद्ध दास, महन्त सच्चिदानंद दास, महन्त विनोद दास, महन्त रामदास करतलिया आश्रम महन्त रामकृष्ण दास, महन्त रामटहल शरण वेदान्ती, बलराम दास, नन्दराम दास हनुमानगढ़ी, महन्त भूषण दास, पूर्व साकेत छात्रसंघ अध्यक्ष निशेन्द्र मोहन मिश्रा, संत भरत दास, महन्त शिवराम दास, आदित्य शास्त्री, आदि संत-महंत व अन्य उपस्थित रहे।
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