ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। मोतीगंज पुलिस को मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करने से शांति भंग की आशंका है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस क्षेत्र के एक गांव के करीब आधा दर्जन मजदूरों के विरूद्ध शांति भंग की कार्रवाई की है।
मोतीगंज थाना क्षेत्र के ग्राम सभा भमैचा के मजरा सोनभरिया के लगभग आधा दर्जन लोग ऐसे हैं जो दिन भर मेहनत मजदूरी करके अपना परिवार चलाते हैं, लेकिन मोतीगंज पुलिस ने इनके विरूद्ध भी शांति भंग की धारा 107/16 के तहत पाबंदी की कार्रवाई की है। उक्त गांव के निवासी बनवारी लाल पुत्र जोखू, रामरंग पुत्र सूर्य लाल, भुनेश्वर पुत्र मूने, कलपू पुत्र भिखारी, महावीर पुत्र रामसेवक, आज्ञाराम पुत्र राम धीरज ने बताया कि वे गरीब और मजदूरी पेशा हैं। मेहनत मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करते हैं। इन गरीब मजदूरों का किसी राजनीतिक दल अथवा नेता से कोई सरोकार भी नहीं है। सच तो यह है कि चुनाव और वोट में भी इन्हें कोई रूचि नहीं रहती है। इसके बावजूद मोतीगंज पुलिस को इनसे शांति भंग की आशंका है।
उक्त मजदूरी पेशा लोगों ने बताया कि हम लोग दिनभर इधर-उधर मजदूरी करते हैं और शाम को उसी से परिवार का भोजन चलता है, लेकिन पुलिस ने हम लोगों को परेशान करने के लिए पाबंद किया है, जबकि इससे पहले कभी भी हम लोगों के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई नहीं की गई। वह चाहे लोकसभा चुनाव हो, विधानसभा हो या जिला और ग्राम पंचायत के चुनाव। उक्त लोगों ने बताया कि पुलिस द्वारा उन्हें परेशान और शोषण करने की मंशा के तहत पाबंदी की कार्रवाई की गई है।
दरअसल, मोतीगंज पुलिस द्वारा गरीब मजदूरों को शांति भंग की आशंका में पाबंद किए जाने की जानकारी तब हुई जब 18 मार्च को मोतीगंज थाने के एक सिपाही ने गांव में जाकर उन्हें इसके बारे में बताते हुए एसडीएम कोर्ट से जमानत कराने की सलाह दी।
इस सम्बंध में मोतीगंज थानाध्यक्ष से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन मोबाइल से संपर्क नहीं हो सका।
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