दिल्ली :- (अनीता गुलेरिया) रोहिणी, सेक्टर 3. अभिनव स्कूल मे होली-मंगल-मिलन समारोह नेत्रहीन-कल्याणकारी संस्था और दिल्ली के हर कोने से आए दिव्यांग-दृष्टिबाधितो द्वारा इसे बडे धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया गया ।
समारोह की शुरुआत मे पुलवामा शहीदों की शहादत को याद करते हुए राष्ट्रीय-स्तर कवि रवि सरोहा द्वारा शहीद जवानों को समर्पित कविता प्रस्तुत की गई । दृष्टिबाधित-युवा गायक विक्की सिंह ने देश-भक्ति गीत गाकर सब को भाव विभोर कर दिया ।
समारोह की शुरुआत मे पुलवामा शहीदों की शहादत को याद करते हुए राष्ट्रीय-स्तर कवि रवि सरोहा द्वारा शहीद जवानों को समर्पित कविता प्रस्तुत की गई । दृष्टिबाधित-युवा गायक विक्की सिंह ने देश-भक्ति गीत गाकर सब को भाव विभोर कर दिया ।
उसके बाद होली संगीत की मस्ती में सभी दृष्टिबाधितो सहित अभिनव-स्कूल के संचालक-हर्षित बंसल चेयरपर्सन-अंजू बंसल, निती अग्रवाल-बालाजी हॉस्पिटल पश्चिम विहार और लुइस-ब्रेल-ब्लाइंड वेलफेयर सोसायटी सदस्य जितेंद्र प्रकाश वहां आए गणमान्य अतिथियों द्वारा होली टीका व नाच गाना करते हुए होली-मिलन शुभकामनाएं दी गई ।
ढोलक की ताल पर सभी दृष्टिबाधित मस्ती से झूम उठे । बंसल-परिवार की तरफ से होली-मंगल-मिलन समारोह मे आए सभी दृष्टिबाधित-दिव्यांगों को खाने के अलावा उपहार-स्वरूप राशि-वितरित की गई ।
स्कूल के मुख्य संचालक हर्षित-बंसल ने मीडिया से रूबरू होकर बताया, इस बार की होली में हमने कुछ नया करने के लिए दिल्ली के सभी दृष्टिबाधित-दिव्यांग एसोसिएशन से जुड़े लोगों को बुलाकर उनके साथ होली मंगल-मिलन समारोह करवाया । हर महीने आयोजन करवाकर दृष्टिबाधित-दिव्यांगो को अपने साथ जोड़ते हुए समानता-अधिकार तहत दिव्यांग-वर्ग को सशक्त-दायरा प्रदान करना हमारा मुख्य उद्देश्य है । ताकि यह भी यह भी आत्मनिर्भर हो कर सम्मानजनक तरीके से अपना जीवन व्यतीत कर सकें,उन्होंने बताया कि वह हर साल सौ के करीब दिव्यांगों की शादियां करवाते है, इस काम को करते हुए उन्हें अट्ठाईस-साल हो गए हैं । उन्होंने कहा मैं देश के नाम एक संदेश देना चाहता हूं, जो हम समाज से ले रहे हैं,कमाई कर रहे हैं उसमे से कुछ हिस्सा समाज को देना भी हमारा मुख्य-कर्तव्य होना चाहिए ।
ढोलक की ताल पर सभी दृष्टिबाधित मस्ती से झूम उठे । बंसल-परिवार की तरफ से होली-मंगल-मिलन समारोह मे आए सभी दृष्टिबाधित-दिव्यांगों को खाने के अलावा उपहार-स्वरूप राशि-वितरित की गई ।
स्कूल के मुख्य संचालक हर्षित-बंसल ने मीडिया से रूबरू होकर बताया, इस बार की होली में हमने कुछ नया करने के लिए दिल्ली के सभी दृष्टिबाधित-दिव्यांग एसोसिएशन से जुड़े लोगों को बुलाकर उनके साथ होली मंगल-मिलन समारोह करवाया । हर महीने आयोजन करवाकर दृष्टिबाधित-दिव्यांगो को अपने साथ जोड़ते हुए समानता-अधिकार तहत दिव्यांग-वर्ग को सशक्त-दायरा प्रदान करना हमारा मुख्य उद्देश्य है । ताकि यह भी यह भी आत्मनिर्भर हो कर सम्मानजनक तरीके से अपना जीवन व्यतीत कर सकें,उन्होंने बताया कि वह हर साल सौ के करीब दिव्यांगों की शादियां करवाते है, इस काम को करते हुए उन्हें अट्ठाईस-साल हो गए हैं । उन्होंने कहा मैं देश के नाम एक संदेश देना चाहता हूं, जो हम समाज से ले रहे हैं,कमाई कर रहे हैं उसमे से कुछ हिस्सा समाज को देना भी हमारा मुख्य-कर्तव्य होना चाहिए ।
जिस तरह एक नाव में पानी भरता रहेगा,और हम उसे नहीं निकालेंगे तो वह पानी एक दिन हमें डूबोएगा ही ! इसलिए पानी को निकालते रहना आवश्यक है । इसी तरह हमें अपनी कमाई का कुछ हिस्सा समाज को देना चाहिए ।
अंजू-बंसल ने राशि-वितरण संदर्भ में कहा,इन चंद पैसों से किसी का कुछ नहीं होगा, हम समाजिक-लोगों को एकजुटता से इनके लिए रोजगार के साधन जुटाकर इन्हे आत्मनिर्भर बनाना चाहिए ।
नेत्रहीन-कल्याणकारी संस्था के महासचिव-धर्म सिंह ने दिव्यांगों की काफी समस्याओं के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा सरकार ने विकलांग से, दिव्यांग नाम तो दिया, लेकिन किसी दिव्यांग को कोई रोजगार क्यो नही दिया ? अपने बारे में बताते हुए कहा, हमारी संस्था सौ के करीब बेरोजगार दृष्टिबाधित-दिव्यांगो को हर महीने का राशन-वितरित करती है ।
इस काम को वह 2013 से करते आ रहे है । दिव्यांग-शिक्षा स्तर बोलते हुए कहा दृष्टिबाधित ब्रेल-लिपि से पढ़ते हैं,सामान्य शिक्षक आंखों से देखकर पढ़ा सकते हैं, लेकिन एक दृष्टिबाधित-अध्यापक द्वारा छूकर हर चीज को महसूस करवाकर पढ़ाने में जमीन-आसमान का अंतर है । इसलिए स्पेशल-स्कूलों में स्पेशल-शिक्षक का होना बहुत जरूरी है, ताकि दिव्यांग-शिक्षा अच्छे स्तर से आगे बढ़ सके । विमलता-फाउंडेशन अध्यक्ष व नेत्रहीन-कल्याणकारी संस्था की मीडिया प्रभारी अनीता ने विचार व्यक्त करते हुए कहा, शरीर में एक अंग के कमी होने से कोई इंसान-निशक्त नहीं हो जाता,हमें दिव्यांग को पंगु,असहाय,बेचारा शब्दों का इस्तेमाल कर इन्हे कमजोर नहीं, एक सशक्त-नागरिक बनाते हुए समानता का अधिकार-तहत राष्ट्रकार्य मे योगदान हेतु बनाना है । यह हमारे देश का मुख्य अंग हैं, यदि मुख्य-अंग को हम काट कर रखेंगे तो अपने देश को पूर्ण रूप से सशक्त कैसे बना पाएंगे ? इसलिए देश के हर नागरिक का सशक्त होना बहुत जरूरी है । जिस देश का हर नागरिक आत्मनिर्भर होगा, तो उस देश का विकासशील होना तय है । सभी दिव्यांग दृष्टिबाधितो ने संपूर्ण-देश को होली मुबारक कहते हुए कहां,सरकार यदि जमीनी-स्तर पर काम करें,तो हमें रोजगार मिलना संभव है । ताकि समाज की दया का पात्र बनने को मजबूर,समाज के कुछ लोगों द्वारा शोषित होने से बच सकें ।अंजू-बंसल ने राशि-वितरण संदर्भ में कहा,इन चंद पैसों से किसी का कुछ नहीं होगा, हम समाजिक-लोगों को एकजुटता से इनके लिए रोजगार के साधन जुटाकर इन्हे आत्मनिर्भर बनाना चाहिए ।
नेत्रहीन-कल्याणकारी संस्था के महासचिव-धर्म सिंह ने दिव्यांगों की काफी समस्याओं के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा सरकार ने विकलांग से, दिव्यांग नाम तो दिया, लेकिन किसी दिव्यांग को कोई रोजगार क्यो नही दिया ? अपने बारे में बताते हुए कहा, हमारी संस्था सौ के करीब बेरोजगार दृष्टिबाधित-दिव्यांगो को हर महीने का राशन-वितरित करती है ।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ