अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। जनपद बलरामपुर के भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के सोहेलवा वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र में बनकटवा रेंज अंतर्गत जंगल से शुक्रवार 15 मार्च को भटक कर तेंदुआ रिहायशी इलाके में आ गया था । शुक्रवार की सुबह थाना ललिया क्षेत्र के ग्रामसभा बसंतपुर के मजरा प्रसादडीह में एक गन्ने के खेत में तेंदुआ देखा गया ।
तेंदुआ की सूचना ग्रामीणों ने थाना ललिया पुलिस को दी और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर वन विभाग को सूचित किया । सूचना पर पहुंची वन विभाग तथा पुलिस की टीम ने ग्रामीणों की भीड़ को हटाते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया । पूरे दिन चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद तेंदुए को वन विभाग की टीम ने पकड़कर पिंजरे में बंद किया । गन्ने के खेत में तेंदुए के हाव भाव तथा हरकत से प्रतीत हो रहा था कि वह शारीरिक रूप से अस्वस्थ है और इस बात की पुष्टि पकड़ने के बाद पूर्णतया हो गई कि वह तेंदुआ बीमार था ।
बीमार तेंदुए को पकड़ने के बाद वन विभाग की टीम लखनऊ के प्राणी उद्यान इलाज हेतु ले जाने के बजाय बनकटवा रेंज ले गई जहां पर स्थानीय पशु चिकित्सकों से इलाज कराने की कोशिश की गई परंतु कोई फायदा नहीं हुआ और रात में ही तेंदुए की मौत हो गई ।जानकारों की माने तो बीमार हालत में तेंदुए को उचित इलाज के लिए प्राणी उद्यान लखनऊ ले जाना चाहिए पर वन विभाग ने ऐसा क्यों नहीं किया यह सवालों के घेरे में है ।
डीएफओ रजनीकांत मित्तल ने बताया कि पकड़ा गया तेंदुआ अवयस्क मादा थी और वह बीमार हालत में ही जंगल से भटक कर गांव की ओर आयी थी जिसे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पिंजरे में बंद किया गया । पकड़ते समय भी तेंदुए का मूवमेंट तथा क्रिया कलाप काफी शिथिल देखे गए । उन्होंने बताया कि उच्चाधिकारियों, विशेषज्ञों तथा पशु चिकित्सकों के परामर्श के उपरांत तेंदुए को जाल डालकर पिजड़े में स्थानांतरित कर स्वास्थ्य परीक्षण के लिए प्राथमिक पशु चिकित्सालय शिवपुरा ले जाया गया जहां मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी की उपस्थिति में पशु चिकित्सा अधिकारी कौवापुर द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तथा तेंदुए को गंभीर रूप से अस्वस्थ पाए जाने की दशा में उपचार प्रारंभ किया गया ।
यह भी पाया गया कि तेंदुए को अभी जंगल में छोड़ा नहीं जा सकता है । उन्होंने बताया कि डीटेल्स केयर हेतु परामर्श दिया गया जिस के क्रम में नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान लखनऊ के पशु चिकित्सक तथा स्थानीय पशु चिकित्सकों के निर्देशन में देर रात तक उपचार किया गया परंतु गंभीर रूप से बीमार तेंदुए की उपचार के दौरान ही रात्रि में मौत हो गई ।
शनिवार को तीन पशु चिकित्सकों डॉक्टर उत्कर्ष शुक्ला उप निदेशक लखनऊ प्राणी उद्यान, डॉ सुमित कुमार पशु चिकित्सक शिवपुरा पशु चिकित्सालय तथा डॉ शोभा राम चौधरी पशु चिकित्सक मुख्य पशु चिकित्सालय बलरामपुर के 3 सदसीय पैनल ने रमेश पांडे मुख्य वन संरक्षक एवं फील्ड डायरेक्टर दुधवा टाइगर रिजर्व (प्रतिनिधि प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव), डॉ नागेंद्र सिंह एनटीसीए के प्रतिनिधि, प्रभागीय वन अधिकारी सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग बलरामपुर, उप प्रभागीय वन अधिकारी बलरामपुर तथा बनकटवा रेंज स्टाफ की उपस्थिति में पोस्टमार्टम किया गया । पोस्टमार्टम के उपरांत शवदाह संपन्न कराया गया ।
उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम की प्रारंभिक जांच में गंभीर रूप से अस्वस्थ मादा तेंदुए की मृत्यु कार्डियॉरेस्पिरेट्री फ्लोर के कारण हुई प्रतीत होती है । विस्तृत जांच हेतु बिसरा तथा अंग के नमूने आईवीआरआई इज्जतनगर बरेली भेजा जा रहा है । बिसरा व अंगो की जांच के उपरांत मौत की वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा ।
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