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गोण्डा:तेवर में दिखे डीएम ने कहा - 'मैं खुद डॉक्टर रहा हूं, मुझे गुमराह करने की कोशिश न करना'









 पत्नी की जगह पतिदेव कर रहे हैं ड्यूटी, जानकर हैरान रह गए डीएम
जिलेभर के अधिकारियों व कर्मियों को तलब कर जिलाधिकारी ने परखी हकीकत
ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। मैं खुद भी डॉक्टर रहा हूं। मुझे आंकड़ों के खेल में मत उलझाओ। एक-एक चीज जानता हूं। पहली मीटिंग है, इसलिए सुधरने का मौका दे रहा हूं। जिन्हें काम नहीं करना वे स्वयं घर बैठ जाएं। सभी लोग अपनी-अपनी ड्यूटी समझ लें। संविदा कर्मियों का नवीनीकरण अब वे स्वयं परफारमेंस की समीक्षा के बाद ही करेंगे। ये चेतावनी डीएम डॉ. नितिन बंसल ने कलेक्ट्रेट हाल में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान दी है। 






     
शनिवार को डीएम नितिन बंसल ने सीएमओ सहित स्वास्थ्य विभाग के जिला व ब्लाक स्तरीय विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के नोडल अधिकारियों को अपने मीटिंग हाल में तलब किया तथा एक-एक अधिकारी व कर्मचारी से उनकी ड्यूटी व दायित्वों के बारे में पूछा। ज्यादातर अधिकारियों एवं कर्मियों ने डीएम को इधर-उधर की बातें समझाने की कोशिश की, जिस पर नाराज डीएम ने मीटिंग में स्पष्ट चेतावनी दी कि वे स्वयं डॉक्टर रहे हैं और अधिकारी- कर्मचारी अब फर्जी रिपोर्टिंग बन्द कर दें। सभी अपने-अपने दायित्वों को अच्छी तरह समझ लें। 





अगली बैठक में जिसकी भी परफारमेन्स खराब मिली, उसकी सेवा समाप्ति की कार्यवाही वे कर देंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सबसे ज्यादा सहयोगी स्टाफ की नियुक्ति की गई है फिर भी जनपद, स्वास्थ्य कार्यक्रमों में प्रदेश रैकिंग में 67वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि वे एक-एक योजना व पटल की समीक्षा स्वयं करेंगे। इसलिए सुधरने के लिए वे पहला और आखिरी मौका सभी को दे रहे हैं। 
  




डीएम डॉक्टर बंसल की समीक्षा में लगभग सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों में जनपद की स्थिति खराब पाई गई। जिला स्तर से लेकर ब्लाक स्तर तक नोडल अधिकारी व कर्मी खुद जिस पटल पर कार्यक्रम की जिम्मेदारी निभा रहे हैं, डीएम को सही जानकारी नहीं दे पाए। मीटिंग में डीएम ने डीपीएम से सवालों की शुरूआत की और एक-एक करके डीसीपीएम, जिला एकाउन्ट मैनेजर, जिला डाटा कम एकाउन्ट असिस्टेंट, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के समन्वयक, प्रबन्ध राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम सहित जिला व ब्लाक के 76 कर्मियों को तलब कर उनसे उनकी जिम्मेदारी, किए जा रहे कार्यों, अब तक की प्रगति रिपोर्ट आदि की समीक्षा की।





 सबसे खराब प्रगति ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर व एमसीटीएस आपरेटरों की पाई गई। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि जिले की खराब रैंकिंग पर जो कार्यवाही जिला स्तरीय अधिकारी के खिलाफ होगी, वही कार्यवाही ब्लाक स्तरीय कर्मियों के खिलाफ भी होगी। उन्होंने सीमएओ को निर्देश दिए कि परफारमेन्स न सुधारने वाले कर्मियों के खिलाफ वे कार्यवाही तत्काल कराएं। मीटिंग में ज्ञात हुआ कि बेलसर में एमसीटीएस आपरेटर अनुराधा पाण्डेय की जगह उसका पति बिना किसी नियुक्ति के कार्य कर रहा है और डीएम की मीटिंग में अनुराधा पाण्डेय के स्थान पर बिना परमीशन चला आया है। 





डीएम ने हैरानी व्यक्त की और पूछा कि पत्नी कहां है और उसकी जगह कब से काम कर रहे हो ? इस पर उसने बताया कि उसकी पत्नी पिछले तीन महीने से नहीं आ रही है और वही उसकी जगह काम कर रहा है। डीएम ने सीएमओ से उसकी सैलरी के भुगतान की रिपोर्ट मांगी है। डीएम ने जिले में पांच वर्षों से अधिक का कार्यकाल पूरा कर चुके अधिकारियों-कर्मियों की सूची व उनका रिपोर्ट कार्ड मांगा है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि स्वास्थ्य विभाग अब सुधर के रहेगा। जिन्हें काम नहीं करना, वे अपने घर बैठें।
     



बैठक में सीएमओ डॉ. संतोष श्रीवास्तव, डीपीएम अमरनाथ, डीसीपीएम डॉ. आरपी सिंह, जिला एकाउन्ट मैनेजर संदीप मेहरोत्रा, जिला डाटा कम एकाउन्ट एसिसटेन्ट सतेन्द्र सिंह सहित अन्य कर्मी उपस्थित रहे।
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