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देश और समाज की रक्षा का भी पर्व है रक्षा बंधन: गोपाल


खुर्शीद खान 











सुलतानपुर, 25 अगस्त। सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, विवेकानन्द नगर, सुलतानपुर में आज रक्षाबंधन उत्सव मनाया गया, जिसमें विद्यालय परिवार ने एक दूसरे को रक्षासूत्र बांधकर अपनी रक्षा का संकल्प दिलाया। छात्राओं द्वारा हस्तनिर्मित रक्षासूत्र की प्रदर्षनी लगायी गयी, जिसका मूल्यांकन भी हुआ।  











विद्यालय की वन्दना सभा में आयोजित कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संभाग निरीक्षक गोपाल तिवारी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि रक्षा बंधन उत्सव मनाने के पीछे भारतीय दर्षन है जिसका उदय चिंतन से हुआ है। जबकि पाष्चात्य दर्षन जुगाड़ से उत्पन्न हुए हैं। हम भारतीय दर्षन के अनुसार सुबह उठने के बाद धरती माता को प्रणाम कर अपने माता -पिता को प्रणाम करते हैं। पाष्चात्य परिवेष में माता-पिता को प्रणाम करने के लिए मदर्स डे, फादर्स डे आदि मनाया जाता है। इसी दिन वे अपने माता-पिता को खोजते है क्योंकि परिवार की रचना बहुत षिथिल है। उन्होंने कहा कि यह भाई-बहन के प्यार का ही पर्व नहीं है। देष समाज की सुरक्षा के लिए भी रक्षा सूत्र बांधे गये हैं। इतिहास को देखा जाए तो द्रोपदी ने भगवान कृष्ण, कर्णावती ने हुमांयू, सिकन्तर महान की पत्नी ने पति की रक्षा के लिए पोरस तथा महोदवी वर्मा ने सूर्यकांत त्रिपाठी निराला को राखी बांधकर अपनी देष समाज की सुरक्षा का संकल्प कराया था। इससे पहले प्रधानाचार्य शेषमणि मिश्र ने मुख्य अतिथि का परिचय कराते हुए रक्षाबंधन के महत्व पर प्रकाष डाला।











इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने रक्षाबंधन गीत और इसके महत्व पर अपने विचार भी व्यक्त किया। अच्छा रक्षा सूत्र बनाने वाली बहनों को पुरस्कृत भी किया जायेगा।

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