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राप्ती नदी पर बना तटबंध बहा सैकड़ों गांव पर मंडराया खतरा


अखिलेश्वर तिवारी/वेद प्रकाश मिश्र












रिंग बांध बनाकर खतरे को टालने की की जा रही कोशिश

बलरामपुर ।। जनपद बलरामपुर प्रदेश के सबसे प्रभावित बाढ़ क्षेत्रों में शुमार किया जाता है । सीएम योगी ने बलरामपुर आगमन के अवसर पर अधिकारियों को बाढ़ से निपटने की तैयारी बरसात से पूर्व कर लेने की हिदायत भी दी थी इसके बावजूद भी पर्याप्त तैयारी नहीं की गई जिसके कारण राप्ती नदी पर बनाया गया बांध राजघाट ककरा के पास 60 से 70 मीटर तक कट गया है । तटबंध कट जाने से आसपास के लगभग 150 से अधिक गांवों के लिए खतरा उत्पन्न हो चुका है ।








 जिला प्रशासन कटे हुए तटबंध के सामने रिंग बांध बनाकर खतरे को टालने की कोशिश कर रहा है । मौके पर अपर जिला अधिकारी अरुण कुमार शुक्ल, एसडीएम सदर अरुण कुमार गौड़, अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड के पी सिंह अपने तमाम सहयोगियों के साथ कैंप कर रहे हैं ।जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश, पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र कुमार सिंह व विधायक सदर पलटू राम ने कटाना स्थल पर जाकर आवश्यक जानकारी हासिल की और हर आवश्यक कदम उठाने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए ।विधायक पलटू राम ने इस मुद्दे को सीएम योगी के सामने उठाने की भी बात कही ।

                        जानकारी के अनुसार बलरामपुर जिला मुख्यालय से सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज तहसील के भड़रिया तक एक तटबंध बनाया गया है जिसकी लंबाई लगभग 62 किलोमीटर बताई जा रही है । इसी बांध में पिछले वर्ष बाढ़ के दौरान कई जगह दरारें आ गई थी जिन्हें दूर करने का निर्देश सीएम योगी ने बरसात से पूर्व ही दे दिए थे । 






लगभग 9 करोड़ की लागत से नदी को सीधा करने का कार्य भी कराया गया तथा कुछ स्थानों पर बांध की मरम्मत भी कराई गई परंतु राजघाट का क्षेत्र तेज कटान होने के बावजूद भी नजरअंदाज किया गया जिसका नतीजा सामने है । राजघाट ककरा के पास लगभग 70 मीटर तटबंध पूरी तरह बह गया है और एक पूरा का पूरा बगीचा नदी में समा चुका है । 









इस घटना से आसपास के गांव के लोगों में काफी दहशत है । हलाकि एतिहात के तौर पर जिला प्रशासन ने आसपास के गांव के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कह दिया  है । संबंधित थानों को भी अलर्ट कर दिया गया है । लोगों की माने तो यह समस्या प्रशासनिक उदासीनता के कारण उत्पन्न हुई है । तटबंध कटने की खबर के बाद से ही जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है ।









 अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार सोकर एसडीएम अरुण कुमार गौड़ अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड के पी सिंह अपने तमाम सहयोगीयों के साथ मौके पर मौजूद हैं और रिंग बांध बनाकर खतरे को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं । रिंगबांध बनाने का कार्य तेजी से कराया जा रहा है । एहतियात के तौर पर एनडीआरएफ की टीम को भी मौके पर बुला लिया गया है और किसी भी घटना से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है । उधर जिला अधिकारी कृष्णा करुणेश ने घटनास्थल पर पहुंचकर  निरीक्षण किया  तथा हर संभावित कदम उठाने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया । उन्होंने कटान से प्रभावित किसानो को त्वरित सहायता देने का भी निर्देश दिया ।
विधायक सदर पलटू राम 

   विधायक सदर पलटू राम तटबंध कटने की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे और आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के बाद तटबंध कटने के  मामले में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्पष्ट रुप से निर्देश दिया था कि बलरामपुर से भंड़रिया तक बांध को चुस्त दुरुस्त कर दिया जाए और इसके लिए सर्वे टीम लखनऊ से आई थी । हमारे तमाम प्रयासों के बावजूद भी राजघाट ककरा के समीप तटबंध पर उत्पन्न खतरे को टीम ने नजरअंदाज किया था जिसका खामियाजा आज यहां के लोगों को भुगतना पड़ रहा है । 









उन्होंने कहा कि इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री से अवश्य करेंगे और जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही का अनुरोध भी करेंगे । विधायक ने कहा कि हमारी बातों को गौर किया जाता और सुझावों को नजरअंदाज ना किया जाता तो यह खतरा आज उत्पन्न नहीं होता । 













यदि समय रहते तटबंध सही करा लिया जाता तो आज यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती । इसके लिए उन्होने सीधे तौर पर प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया । तटबंध कट जाने से ककरा, राजघाट कोलवा, सीरिया, नेवसा, वफावां,  भगवतपुर, तेंदुआ , परसिया, चौधरीजोत बांसेडीला, कटिया मधवा जोत, त्रिकोलिया, खम्हरिया, मनेरिया, मझारी, केरावगढ़ सहित सैकड़ों गांव प्रभावित होंगे तथा हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो जाएगी ।

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