मनीष ओझा
प्रतापगढ़ :यहाँ के प्राइमरी स्कूलों का बुरा हाल है। चारो तरफ से पानी से घिरा स्कूल है आने जाने का कोई रास्ता नही धन के खेतों के बीच पगडंडी से घुटनो तक पानी से होकर स्कूल पहुचते है नौनिहाल। इतना ही नही इसी रास्ते शिक्षिकाएं भी पहुचती है स्कूल।
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ये हाल है नरहरपुर पूर्वी प्राथमिक विद्यालय का जहां का 3 से 5 साल के अबोध नौनिहाल बरसात के दिनों में पढ़ने के खातिर जान जोखिम में डालकर घुटने तक पानी से गुजर कर रोज स्कूल जाते है। इलाहाबाद फैजाबाद हाइवे से खेतों के बीच भरे पानी के बीच से स्कूल जाने को मजबूर है ये बच्चे शिक्षा की खातिर ग्रामीण अपने जिगर के टुकड़ों को मजबूरन भेजते है इस स्कूल में। बरसात के अलावा अक्सर नहर कटने के चलते भी भर जाता है अक्सर पानी। जिसकी वजह से स्कूल में बच्चों की संख्या दिन ब दिन कम होती जा रही है। सक्षम अभिभावक दूसरे स्कूलों का कर चुके है रुख। सरकार और प्रशासन का स्कूलों पर छात्र संख्या बढ़ाने का लगातार रहता है दबाव। बावजूद इसके विभाग, प्रशासन और जन प्रतिनिधि इस तरफ से आँखें बंद किये हुए है।
इस बाबत जब प्रतापगढ़ के भाजपा अपना दल गठबंधन के सांसद हरिबंश सिंह बात की गई तो नरहरपुर पूर्वी प्राथमिक विद्यालय का खुद निरीक्षण कर प्राथमिक विद्यालय को गोद लेने की बात कह रहे है।
इस विद्यालय तक रास्ता न होने के चलते आकस्मिक निरीक्षण का भी कोई भय नही क्योकि यहा जांच के लिए जाने के बारे में कोई अधिकारी सोच भी नही सकता। तो शिक्षिकाएं भी आराम फरमाती है और मासूम बच्चें दूसरे बच्चों को पढ़ाते है। ऐसे में कैसे होगा राष्ट्र के भविष्य का निर्माण और शिक्षिकाएं कैसे बनाएंगी नौनिहालों का भविष्य।
इस विद्यालय तक रास्ता न होने के चलते आकस्मिक निरीक्षण का भी कोई भय नही क्योकि यहा जांच के लिए जाने के बारे में कोई अधिकारी सोच भी नही सकता। तो शिक्षिकाएं भी आराम फरमाती है और मासूम बच्चें दूसरे बच्चों को पढ़ाते है। ऐसे में कैसे होगा राष्ट्र के भविष्य का निर्माण और शिक्षिकाएं कैसे बनाएंगी नौनिहालों का भविष्य।
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