अमेठी (यूपी). यहां तिलोई ब्लाक के बेरारा गांव में करंट लगने से मौत के घाट पहुंची मां-बेटी का जनाज़ा जब एक साथ उठा तो हर आंख छलक उठीं। देर शाम दोनों को गांव के कब्रिस्तान में सुपुर्दे ख़ाक किया गया। वहीं तीन साल की खुशबू और 1 साल का सलमान ममता के आंचल में सर छुपानें के लिये छटपटा रहे हैं।
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जानकारी के अनुसार तिलोई ब्लाक के जायस कोतवाली अंतर्गत बेरारा गांव निवासी वाजिद अली का परिवार अत्यंत गरीबी में जीवन बिता रहा था। वो तांगा चलाता और उससे बच्चों का पेट पालता।
इस समय गेहूं कटाई का समय है, वाजिद की पत्नी जमीलुन निशा मज़दूरी पर गेहूं काटने गई थी।
वो जब घर लौटी तो तेज़ गर्मी के चलते उसने बेटी मुस्कान बानो से पंखा चलाने को कहा, मां के कहने पर बेटी ने जैसे ही पंखे का बटन डबाया एकाएक वो करंट के चपेट में आ गई।
बेटी की चीख पर मां उसे बचाने दौड़ी, तो बेटी के साथ-साथ करंट ने मां को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया।
आसपास के लोग जब तक बचाव के लिये आते दोनों ने दम तोड़ दिया था। फ़िलहाल पुलिस ने दोनों की लाश को पोस्टमार्टम के लिये भेजा।
पोस्टमार्टम के बाद जब मां-बेटी की लाश घर आई और कफ़न में लपेट कर जब जनाजा उठा तो लोगों की चीख निकल पड़ी।
बोले एसडीएम तिलोई
एसडीएम बोले मिलेगी सहायता
इस मामले में एसडीएम तिलोई डा. अशोक शुक्ला ने बताया कि पोस्टमार्टम करा दिया गया है।
पीड़ित परिवार को 30 हज़ार रुपए सहायता राशी दिलाई जायेगी, इसके अलावा शासन स्तर पर जो भी सहायता सम्भव है पीड़ित परिवार को वो सब मुहैया कराया जायेगा।
मंत्री-विधायक के न पहुंचने पर लोगों में रोष
इस हादसे के बाद लोगों में राज्यमंत्री सुरेश पासी, तिलोई विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह को लेकर रोष हैं।
जिन्होनें हादसे के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पीड़ित परिवार से मिलना गवारा नहीं समझा। लोगों का कहना है कि ये लोग सबका साथ और सबका विकास की बात करते हैं, लेकिन काम सिर्फ़ ख़ास के आते हैं।
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