शिवेश शुक्ला
प्रतापगढ़। राम नाम जीवन का आधारभूत सत्य है। जिस प्राणी मात्र ने श्रीराम को क्षण भर के लिये भज लिया, उसका उद्धार स्वयं भगवान ने किया। उक्त प्रवचन प्रख्यात संत श्री प्रेमभूषण जी महराज ने मंगलवार को लालगंज के उदियापुर अझारा मे मानस सम्मेलन मे व्यक्त किये। श्री प्रेमभूषण जी ने मानस की एक एक पंक्ति को मानव जीवन के लिये ग्रन्थ ठहराया। उन्होनें कहा कि सिय राम....... का उदाहरण पेश करते हुये बोले कि लंकाधिपति रावण ने भी मृत्यु का वर्णन करते हुये श्रीराम नाम का उदघोष करके अपने लोक का उद्धार किया। रावण को पता था कि महाकाल शिवशंकर मेरे मृत्यु के साक्षी होगें और वरदान स्वरूप रावण की मृत्यु के समय भगवान शिवशंकर स्वयं श्रीरामावतार मे उपस्थित हुये। यहीं भक्ति और भगत की प्रबल संभावना मनुष्य को जीवन मे भगवान के प्रति आस्था का विषयक बनाती है। कथा का संयोजन पं. रामपाल द्विवेदी ने किया। प्रारंभिक स्वागत एवं श्री प्रेमभूषण जी का रोली चंदन से अभिषेक सह संयोजक राजेन्द्र द्विवेदी ने किया। इस मौके पर इस मौके पर मानस मराल पं. रामफेर पाण्डेय, विशालमूर्ति मिश्र, प्रकाशचंद्र मिश्र, बीके शुक्ला, संतोष द्विवेदी, विनय शुक्ल, राधारमण शुक्ल, आचार्य राजेश मिश्र, अरूण सिंह दादा, डॉ. रमाशंकर शुक्ल, बृजेश द्विवेदी, आचार्य राजेश पाण्डेय, प्रवीण शुक्ल, बृजेन्द्र पाण्डेय, राकेश मिश्रा, ज्ञान प्रकाश शुक्ल, प्रदोष नारायण सिंह, आचार्य रामअवधेश मिश्र, शशिकांत द्विवेदी, आशीष उपाध्याय, साकेत मिश्र आदि रहे।
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