लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी इन्वेस्टर समिट का उद्घाटन किया। इस मौके पर समिट में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, नितिन गडकरी, सुरेश प्रभु, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल राम नाइक के साथ मुकेश अंबानी और अन्य उद्योगपति मौजूद रहे। फिनलैंड, नीदरलैंड्स, जापान, चेक गणराज्य, थाइलैंड, स्लोवाकिया और मॉरीशस की पहचान इस समिट के लिए साझेदार देशों के तौर पर की गई है। इस समिट को आयोजित करने से उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि युवाओं को रोजगार देने में ये सहायक होगी। अपने अभिभाषण में अंबानी ने कहा कि यूपी में बेहतर मानव संसाधन है। इस सामिट के माध्यम से रोजगार दिया जा सकेगा। इस समिट में सरकार का सबसे ज्यादा जोर कृषि, फूड प्रॉसेसिंग, डेयरी, बिजली, आईटी और स्टार्टअप, पर्यटन, अक्षय ऊर्जा, फिल्म, एमएसएमई, हैंडलूम और टैक्सटाइल के क्षेत्र में रहा।
आपको बता दें कि इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन देशभर के नामी-गिरामी उद्योगपतियों ने यूपी में निवेश की घोषणा की। उत्तर प्रदेश को कुल 4.28 लाख करोड़ रुपए के निवेश की सौगात मिली। रिलायंस ने जहां यूपी में 10 हजार करोड़ के निवेश का वादा किया, तो वहीं अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी ने 35 हजार करोड़ रुपए निवेश करने का ऐलान कर दिया। उत्तर प्रदेश सरकार पहले दिन करीब 1,045 एमओयू साइन करने में सफल रही|
क्या बोले सीएम योगी
प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में यूपी को पिछड़े और बीमारू राज्य की श्रेणी से उबार कर देश के समृद्ध राज्य की श्रेणी में खड़ा करने का लक्ष्य लेकर उनकी सरकार ने प्रयास शुरू किए हैं। उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट उसकी एक कड़ी है। इस समिट में जो फोकस सेक्टर तय किए हैं, उनमें एग्रो, फूड प्रोसोसिंग, डेरी, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चर, आईटी, टूरिज्म, सिविल एविएशन लघु एवं मध्यम उद्योग, हैण्डलूम, फिल्म और ग्लोबल एनर्जी आदि शामिल हैं। उद्घाटन सत्र के बाद इन सब विषयों को लेकर जो सत्र होने जा रहे हैं, उनमें सबकी भागीदारी से प्रदेश में विकास की संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। इसकी प्रदेश की जनता बहुत दिनों से प्रतीक्षा कर रही है। किसी भी राज्य को विकसित करने के लिए सुदृढ़ कानून- व्यवस्था, गुणवत्ता युक्त इन्फ्रास्ट्रक्चर, बिजली की अनवरत आपूर्ति, सड़कें, परिवहन, सिंचाई की बेहतर व्यवस्था, उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए स्वस्थ व शिक्षित मानव संसाधन, स्मार्ट प्रशासनिक व्यवस्था बुनियादी आवश्यकताएं हैं। इसके साथ ही सरकार की नीतियों को जमीन पर लाने के लिए पारदर्शी और जागरूक व्यवस्था भी जरूरी है। पिछले 11 महीनों में हमारी सरकार ने कानून का राज्य स्थापित करने में जरूरी प्रभावी कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जिन 99 शहरों की घोषणा की है, उनमें 10 शहर उत्तर प्रदेश के हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के शहरों में मेट्रो का जिक्र करते हुए कहा कि लखनऊ में मेट्रो का संचालन शुरू हो चुका है। कानपुर, मेरठ और आगरा में मेट्रो संचालन की डीपीआर को केन्द्र ने मंजूरी दे दी है। वाराणसी, गोरखपुर, इलाहाबाद और झांसी में संशोधित डीपीआर तैयार की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में ऐसा औद्योगिक माहौल बनाना चाहती है, जिसमें नए और पारंपरिक उद्यम एक साथ विकसित हो सकें और एक-दूसरे के सहायक बनें।
समिट के दौरान व्यवस्था रही चाक-चौबंद
यूपी इन्वेस्टर समिट के लिए सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाक-चौबंद रही। इसके लिए 600 पुलिसकर्मी और स्नाइपर सुरक्षा तैनात की गई। राजधानी में तैनात पुलिस अधिकारियों के अलावा बाहर की फोर्स भी मौजूद रही।
- पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को भी किया गया तैनात।
- पीएम की सुरक्षा में एसपीजी की टीम और एनएसजी कमांडो शामिल रहे।
- इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के पास की ऊंची इमारतों पर स्नाइपर तैनात रहे।
- जो लगातार निगरानी कर आईजीपी को किला बन्द कर रखे हुवे थे।
- बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल और डॉग स्क्वायड की टीमें भी मुस्तैदी से डटी रहीं।
इन्वेस्टर्स समिट से जाम हुई लखनऊ एयरपोर्ट की पार्किंग
राजधानी लखनऊ में बुधवार से यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2018 का आगाज हो गया। दो दिन तक चलने वाले इस समिट में बुधवार को मुकेश अंबानी, गौतम अडानी और आनंद महिंद्रा समेत देश के दिग्गज उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया। समिट में जहां यूपी को 4 लाख 28 हजार करोड़ रुपए के निवेश की सौगात मिली, वहीं बड़े उद्योगपतियों और केंद्रीय मंत्रियों के चार्टेड विमान उतरने के कारण लखनऊ एयरपोर्ट का पार्किंग एरिया बुरी तरह जाम हो गया। हालात यहां तक आ पहुंचे कि एयरक्राफ्ट पार्किंग के लिए कुछ फ्लाइट्स को इलाहाबाद और वाराणसी की ओर डायवर्ट किया गया।
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