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संबेदनहीन बेखौफ डाक्टर की लापरवाही के चलते दो दिनों तक नहीं हुआ पीएम


अखिलेश्वर तिवारी

पोस्टमार्टम हाउस में पड़ी रही तीन लाशें नहीं आए कोई डॉक्टर

बलरामपुर : स्वास्थ्य व्यवस्था बरसों से पटरी से उतरी हुई है । डॉक्टरों की कमी व सुविधाओं के अभाव में लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं । जो डॉक्टर तैनात भी हैं वह इस कदर बेपरवाह व बेखौफ है कि उनके अंदर मानवीय संवेदना नहीं दिखाई दे रही है । ताजा मामला जिले के पीएम हाउस से जुड़ा हुआ है । जिला संयुक्त चिकित्सालय के अंदर बनाए गए पोस्टमार्टम हाउस पर नियमानुसार 10 बजे से शाम अंधेरा होने तक दो डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाती है परंतु डॉक्टर मनमानी कर के एक या दो घंटे ही पीएम हाउस पर पहुंच रहे हैं । नतीजा दो दो दिन तक लाश लेकर लोग पीएम हाउस पर पड़े रहते हैं । सीएमओ के आदेश का भी इन डॉक्टरों के ऊपर कोई असर नहीं पड़ रहा है ।
                 जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय पर तमाम प्रतीक्षा के बाद जब पीएम हाउस का शुभारंभ किया गया था तो लोगों को लगा था कि अब समस्याएं हल हो जाएंगी परंतु विभागीय लापरवाही व डॉक्टरों की उदासीनता के चलते समस्याएं  ज्यों की त्यों बनी हुई हैं । आज पीएम हाउस पर जो नजारा देखने को मिला वह मानवता को शर्मसार करने वाला था । जिले के अलग-अलग स्थानों से पोस्टमार्टम के लिए लाशों को लेकर आए लोग पोस्टमार्टम हाउस के बाहर बैठकर दो दिनों से प्रतीक्षा कर रहे थे । दिन के लगभग एक बज चुके थे परंतु पीएम हाउस का ताला नहीं खोला गया था । पीएम हाउस के बाहर बैठे पीड़ित परिजनों की माने तो एक दिन पहले से ही तीन लाशों को अंदर रख दिया गया था परंतु 24 घंटा बीतने के बाद भी कोई डॉक्टर पीएम करने नहीं पहुंचा । परिजनों का कहना था कि दो दिनों तक पोस्टमार्टम नहीं होगा दो लाशों में सड़न पैदा हो जाएगी और ऐसी स्थिति में बीमारी फैलने का भी खतरा उत्पन्न हो जाएगा । डॉक्टरों की लापरवाही और विभागीय उदासीनता कहीं ना कहीं पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है । साथ ही यह भी दर्शा रहा है कि धरती पर भगवान माने जाने वाले डॉक्टर के अंदर भी अब मानवीय संवेदना नहीं बची है और अब धरती के भगवान भी हैवान बन चुके हैं । लोगों की मांग है कि इस पूरे सिस्टम पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है और अब इस ओर कड़ी कार्रवाई करके ही सिस्टम में सुधार लाया जा सकेगा । इस संबंध में जब प्रभारी सीएमओ डॉक्टर जयंत कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम का समय सुबह 10 बजे से शाम को अंधेरा होने तक माना जाता है । विशेष परिस्थितियों में रात में भी पीएम की व्यवस्था कराई जाती है । दो दिनों से तीन लाशों को रखकर परिजन डॉक्टरों का इंतजार कर रहे हैं इस सवाल का जवाब सीएमओ ने नहीं दिया । उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि लाशों के साथ जरूरी कागजात समय से न मिलने के कारण पोस्टमार्टम में विलंब होता है । अब सवाल यह उठता है कि सिर्फ कागजों का बहाना लेकर क्या इस लापरवाही पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है । जब लाश को एक दिन पूर्व ही पीएम हाउस के अंदर रख दिया गया तो क्या उस समय पेपर प्राप्त नहीं हुए थे । इस बात का कोई जवाब प्रभारी सीएमओ के पास नहीं रहा । वहीं पुलिस विभाग का कहना है  की पोस्टमार्टम  के लिए लाश भेजने के साथ  जरूरी कागजात भी  भेज दिए जाते हैं । कागजी कार्यवाही पूरा करने  के बाद ही  पोस्टमार्टम के लिए लाश भेजी जाती है । जाहिर है कि एक दूसरे पर दोषारोपण करके जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारियों से बचने का प्रयास कर रहे हैं ।

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