अमरजीत सिंह
फैज़ाबाद:डीएम कलेक्ट्रेट का निरीक्षण कर रहे थे दोनो पैरो से लाचार एक व्यक्ति जमीन पर किसी तरह से खिसक कर जा रहा था यह देखकर डीएम दिव्यांग के पास पहुंचे और कहा कि आप किसी काम से आये है तो प्रार्थना पत्र हमे दे दे हम उस पर तुरन्त कारवाई करेंगे मिल्कीपुर के मजगांव निवासी दिव्यांग सुखलाल पुत्र मन्तेराम का जवाब हैरान करने वाला था। सुखलाल ने डीएम से कहा कि....... "साहब पुलिस वाले हमय अवैध शराब के फर्जी केस मा फंसाय दिहिन है वही के तारीख पर पैरवी करय कचेहरी आयेन है" जिलाधिकारी ने दिव्यांग को घर पहुंचाने की व्यवस्था की तथा जिला दिव्यांग कल्याण अधिकारी से ट्राईसाईकिल उपलब्ध कराने का आदेश दिया
क्या ऐसे मामलों पर वृहद् स्तर पर नहीं होनी चाहिए जांच
जिलाधिकारी द्वारा अपनाये गये मानवीय दृष्टिकोण की वहां मौजूद अधिवक्ताओं व जनसमूह ने एक स्वर से प्रसंशा की। परन्तु यहां एक सवाल भी पैदा हुआ। अगर एक गरीब दिव्यांग पुलिस द्वारा फर्जी तरीके से फंसाने का आरोप लगा रहा है तो क्या ऐसे मामलों पर वृहद स्तर पर जांच नहीं होनी चाहिए। अगर कुछ प्रतिशत भी आरोपों में सत्यता है तो यह पुलिस का अमानवीय चेहरा प्रदर्शित करता है
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