ब्रह्मदेव साहित्य समाज के गठन पर आयोजित हुई काव्य गोष्ठी
प्रेम कुमार त्रिपाठी अध्यक्ष सुरेश नारायण दूबे बने मंत्री
अमरजीत सिंह
प्रतापगढ। ब्रहम देव समाज के आयोजकत्व में ब्रम्हदेव साहित्य समाज का गठन एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन शहर स्थित लोहिया पार्क निकट पंचमुखी मंदिर के पास वरिष्ठ अधिवक्ता पंडित विपिन चंद्र पांडे की अध्यक्षता में संपन्न हुआ । इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में वरिष्ठ साहित्यकार अधिवक्ता वकील परिषद के उपाध्यक्ष पंडित परशुराम उपाध्याय "सुमन" रहे ।कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के पूजन अर्चन से किया गया, तदुपरांत सरस्वती वंदना पंडित सत्येंद्र नाथ मिश्र "मृदुल" ने पढ़ा । इस मौके पर ब्रह्मदेव साहित्य समाज के गठन की घोषणा ब्रह्मदेव समाज के अध्यक्ष पंडित सत्येंद्र नारायण तिवारी ने की जिसमें पंडित प्रेम कुमार त्रिपाठी "प्रेम" को अध्यक्ष, पंडित श्याम शेष नारायण दुबे "राही" व पंडित हरिवंश शुक्ल "शौर्य"को उपाध्यक्ष, पंडित अमित शुक्ला को प्रचार मंत्री तथा पण्डित सुरेश नारायण द्विवेदी "व्योम"को मंत्री पद पर सर्वसम्मति से मनोनीत किया गया । उपस्थित विप्र जनों ने मनोनीत पदाधिकारियों का करतल ध्वनि से स्वागत कर शुभकामनाएं दी। नवनिर्वाचित अध्यक्ष पंडित प्रेम कुमार त्रिपाठी "प्रेम" ने अपने संबोधन में कहा कि ब्राम्हण समाज का दिमाग होता है, उसका कार्य देवताओं के समान होता है और समाज का कोई भी शुभ कार्य ब्राम्हण के बिना नहीं हो सकता । इसी के साथ उन्होंने कविता के माध्यम से पढ़ा - मानव का जीव से अगाध प्रेम देखकर, गले से लगाने भगवान चले आते हैं ।
इसी क्रम में का गोष्टी को आगे बढ़ाते हुए ठाकुर इलाहाबादी ने पढ़ा - है आईना समाज का साहित्य दोस्तों, बदनाम हो रहा है मगर नित्य दोस्तों । हरिवंश शुक्ला "शौर्य" ने पढ़ा _ सिंह की दहाड़ से पहाड़ काप जाता शौर्य, शेरों को सियार ललकारना तो छोड़ दे । सत्येंद्र नाथ मिश्र "मृदुल" ने पढ़ा- मुश्किलें हैं बहुत बाघ को थामे हुए खुद भरोसे से बढ़कर संभाल लीजिए ।
मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद पंडित परशुराम उपाध्याय "सुमन" ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए पढा - जाति और धर्म की चक्की में पिस रहे सब हैं, सोचकर लेखनी कवियों को चलाना होगा ।
अमित शुक्ल ने पढ़ा - समय आ गया है हरि इच्छा, ब्राह्मण ही देते हैं दीक्षा । शिवेश शुक्ल ने पढा - चलता रहा हु अग्निपथ पर चलता चला जाऊंगा, ब्राम्हण कुल में जन्म लिया मैंने ब्राह्मण कुल पर मिट जाऊंगा । इसी के साथ शेष नारायण दुबे "राही "मनीष मारुति, गंगा पांडे भाऊक, सुरेश नारायण दुबे, विनय मिश्र समेत आदि साहित्यकारों ने अपनी अपनी रचनाएं पढ़ा तो दर्शक झूम उठे । काव्य गोष्टी के उपरांत ब्रह्मदेव समाज के धर्मार्थ एवं संस्कृति जिला मंत्री ज्योतिषाचार्य पंडित आलोक मिश्र ने सभी नव निर्वाचित पदाधिकारियों को अपना आशीष वचन दिया । इस मौके पर मौजूद विशिष्ट अतिथि के रुप में ब्रह्मदेव समाज के जिला अध्यक्ष पंडित सत्येंद्र नारायण तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि देश की आजादी में साहित्यकारों का बहुत बड़ा योगदान था, ब्रह्म देव समाज की सफलता बिना साहित्यकारों के संभव नहीं है । श्री तिवारी ने ब्राम्हण एकता पर बल देते हुए कहा कि ब्राह्मणों ने राष्ट्र हित में सदैव त्याग और बलिदान किया है, ब्राह्मण कोई जाति नहीं बल्कि एक सभ्यता और संस्कृति है । इस मौके पर ब्रहम देव समाज के जिला मीडिया प्रभारी पंडित शिवेश शुक्ल ने कहा कि ब्रह्मदेव समाज की सदस्यता के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है पूरे देश के विप्रजन जो ब्राह्मणों के हित के विषय में चिंतन करते हैं वह अपने घर में एक पौधरोपण कर ब्रहम देव समाज की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं । कार्यक्रम का संचालन सुरेश नारायण दुबे ने किया । इस दौरान ब्रहाम्ण उत्थान समिति के प्रदेश मीडिया प्रभारी उर्जावान साथी मनीष ओझा ने संगठन को छोडते हुए ब्रह्मदेव समाज में अपनी आस्था जाहिर करते सदस्यता ग्रहण की जिनको जिलाध्यक्ष पंण्डित संत्येंद्र नारायण तिवारी ने माला पहनाकर स्वागत किया । कार्यक्रम के अंत में नव निर्वाचित पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए ब्रह्मदेव समाज के जिला संगठन मंत्री परमानंद मिश्र ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया । कार्यक्रम में प्रमुख रुप से राजमणि मिश्र, ऋषिकेश,गौरव पांडेय, रविंद्र नाथ त्रिपाठी, नारायण प्रसाद पांडेय,जय राम पांडेय, राम कृष्ण पांडेय, राजेंद्र शुक्ल, संतोष पांडेय, शिवाकांत राय, विनय मिश्र, मनीष मारुत, सावन मिश्र,कार्तिकेय मिश्र, शैलेंद्र कुमार पांडेय,अतुल पांडे, कृष्ण कुमार पांडेय, देवेंद्र त्रिपाठी, विनय कुमार मिश्र, मनीष ओझा, राहुल शुक्ल, आलोक मिश्र, ईश्वरचंद, सहित भारी संख्या में विप्रजन व साहित्यकारगण मौजूद है ।
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