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प्रभु नाम सुमिरन से ही मिल जाती है हर बाधा से मुक्ति :साध्वी


श्रीमद भागवत कथा मे बह रही भक्ति की रसधार
शिवेश शुक्ला 
प्रतापगढ । विश्वमंगल परिवार द्वारा आयोजित गौशाला को समर्पित श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस वृन्दावन से पधारी कथा व्यास साधना श्री जी ने कहा कि प्रभु नाम सुमिरन से ही हर बाधा से मुक्ति मिल जाती है।प्रभु बड़े दयालु है वह सच्चे भक्त की करुण पुकार सुनते ही दौड़े चले आते हैं। आज के कथा प्रसंग में पहले शिव पार्वती विवाह का वर्णन किया फिर  विष्णु जी के दशावतारों के वर्णन में राजा बलि जो अत्यंत शक्तिशाली हो तीनों लोकों को नाप लेता है तब भगवान वामन बाली जे द्वार जा कर दान में तीन पग भूमि माँगते हैं और तीन योग में तीन लोक नाप लेते हैं और बलि को पाताल लोक में रहने का स्थान दिया। तत्पश्चात कथा में मत्स्यावतार, वराह अवतार, कूर्म अवतार, नृसिंह अवतार और राम जे अवतार के बाद श्री कृष्ण जु का जन्म होता है। इस आख्यान में साधना जी ने बताया कि देवकी का विवाह वसुदेव के साथ होता है।आकाशवाणी के अनुसार कंस ने उन्हें कारागार में डाल देता है कारागार में पैदा होने वाले देवकी के छः बच्चों की कंस हत्या कर देता है।सातवें में बलदाउ और आठवें से श्रीकृष्ण का जन्म होता  है।कृष्ण के जन्म के समय वासुदेव बेडी से मुक्त हो जाते हैं और पहरेदार सो जाते हैं।आकाशवाणी के अनुसार वसुदेव जी यमुना पार कर श्री कृष्ण जी को गोकुल के नंद गांव में नंद बाबा के घर ले जाते हैं और वहां से माया रूपी पुत्री को मथुरा लेकर वापस कारागार में लौट आते हैं। श्री कृष्ण जी के जन्म की सुंदर झाँकियाँ प्रस्तुत की गयी जिसे देखकर भक्त गण भाव विभोर होते रहे। आज की कथा में संयोजक रतन जैन,संजीव आहूजा, शरद केसरवानी,श्याम बाबू खंडेलवाल, डॉ के एन ओझा, डॉ पीयूष कांत शर्मा,विनोद पांडेय,राजकरण मिश्र,प्रह्लाद खंडेलवाल, नीलम हिन्द,श्री किशोर अग्रवाल, संजय खंडेलवाल,विजय श्रीवास्तव, स्मृति खंडेलवाल,अनीता खंडेलवाल,शुभम मिश्रा, मीना श्रीवास्तव, प्रतिभा अग्रवाल, देवतादीन,अनुपम पांडेय आदि उपस्थित रहे।

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