सत्येन्द्र खरे
उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में अवैध तरीके से डंप बालू की बिक्री का गोरखधंधा बंद होने का नाम नहीं ले रहा है। सुबह होते ही कारोबारी जरूतमंदों से मोटी रकम लेकर बालू की बिक्री का खेल शुरू कर देते हैं। शिकायत के बाद भी प्रशासन की निगाह इस तरफ नहीं जा रहा है। जबकि विभाग को ही लाखों रूपए के राजस्व की क्षति हो रही है। उधर कारोबारी जरूरतमंदों से मोटी रकम लेकर मालामाल हो रहे है
माफियाओं ने प्रशासन के कोप से बचने के लिए नायाब तरीका खोज निकाला है। उन्होंने इस दफा घाटों पर बालू को नहीं डंप कराया। बल्कि घाट से कई किमी. दूर वीरान इलाकों को चुना है। इसके अलावा उन्होंने स्वंय बालू न डंप कराकर अपने गुर्गों का सहारा लिया है। ताकि वह आसानी से बालू की बिक्री अपने गुर्गों के माध्यम से करवा सकें और मोरंग की बिक्री कर मोटी कमाई कर सकें। कोखराज इलाके के सिंघिया, बाईपास मार्ग एवं परसरा पेट्रोल टंकी के पास लाखों रुपए का बालू बगैर परमीशन के डंप है। सुबह होते ही माफियाओं के गुर्गे बालू बिक्री के लिए पहुंच जाते हैं। जरूरतमंदों से मोटी रकम लेकर उन्हें मोरंग दी जाती है। चर्चा है कि अवैध तरीके से डंप बालू की बिक्री करने का खेल स्थानीय पुलिस के संरक्षण में हो रहा है। मोटी रकम मिलने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
बोले अफसर
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि बगैर परमीशन के बालू डंप होने की जानकारी नहीं है। यदि क्षेत्र में कहीं पर अवैध बालू का कारोबार होता है तो इसकी जांच कराई जाएगी। अवैध बालू मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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