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भूमि घोटाले में सवा सौ लोगों को नोटिस जारी


गोंडा।  तहसील क्षेत्र की दो ग्राम पंचायतों में करीब एक हजार बीघे से अधिक भूमि का घोटाला प्रकाश में आने के बाद तहसील प्रशासन ने भूमि पर काबिज करीब सवा सौ लोगों को नोटिस जारी की है। भू-माफियाओं ने राजस्व कर्मियों से मिलकर तहसील की स्थापना के समय भूमि का घोटाला किया। बिना किसी पटटा के माफियाओं के नाम अभिलेखों में दर्ज हैं। 
         करनैलगंज में तहसील की स्थापना के समय पुरानी तहसील तरबगंज से अभिलेखों के स्थानान्तरण में हेराफेरी कराकर फायदा उठाते हुए भू-माफियाओं ने करीब एक हजार बीघे से अधिक भूमि का अभिलेखों में नाम दर्ज करा लिया। राजस्व ग्राम लालेमऊ एंव बसेरिया में सरकारी भूमि बंजर, नवीन परती, जलमग्न, खलिहान, ग्राम समाज के खातों में दर्ज भूमि को पटटा दिखाकर नामान्तरण बही एंव पटटा प्रमाण रजिस्टर में बिना दर्ज हुए खातेदारों के नाम दर्ज है। इसका प्रमाण उस समय मिला जब दिसम्बर 16 में तत्कालीन एसड़ीएम हरिशंकर लाल शुक्ल को एक गोपनीय प्रार्थना पत्र मिला जिसमें पुराने अभिलेखों की नकल एंव खतौनी में दर्ज नामों की सूची मिली। यही नहीं भूमि को पटटा दिखाकर नाम से दर्ज किए जाने की सूचना के साथ ही गांव या जिले के बाहर रहने वाले कुछ लोगों के नाम भी भूमि दर्ज होने की शिकायत मिली। जिसमें जिले व प्रदेश से बाहर रहने वाले लोगों के साथ ही सरकारी नौकरी करने वाले करीब दो दर्जन लोग सामिल हैं। एसड़ीएम ने इतने समय से भूमि के घोटाले को समझने के लिए कुछ भूमिधरी खाताधारकों के नाम के खातों को खंगालना शुरु कराया तो किसी भी पुराने अभिलेखों में इसकी पुष्टि नहीं हुई। भूमि करीब एक हजार बीघे से अधिक होने का अनुमान है जिसके लिए गोंडा अभिलेखागार से कुछ पुराने अभिलेखों को खंगालने के लिए मंगाने का आदेश एसड़ीएम ने दिया था। जांच पूरी होने के बाद तहसीलदार ने भूमि पर काबिज 113 लोगों को नोटिस दी है। जिसमें ग्राम लालेमऊ के लोग ही सामिल हैं। बसेरिया के भूमि घोटाले की जांच अभी ठन्डे बस्ते में है। इस अवैध पटटे को निरस्त करने की कार्रवाई में प्रशासन हीलाहवाली कर रहा है। करीब एक दर्जन फर्जी पटटेदारों के ऐसे नाम भी सामिल हैं जिस नाम का कोई व्यक्ति गांव का निवासी नहीं है।
तहसीलदार बोले
तहसीलदार करनैलगंज रामनरायन वर्मा ने बताया कि भूमि पर काबिज लोगों को नोटिस जारी करके जवाब व पटटे का साक्ष्य मांगा गया है। यदि कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो अभिलेखों से नाम हटाने एंव पटटा निरस्त करने के लिए पत्रावली जिलाधिकारी को भेज दी जायेगी।
 कहते हैं एसडीएम
एसड़ीएम नन्हेंलाल यादव ने बताया कि फर्जी तरीके से सरकारी भूमि को नाम से दर्ज कराने के मामले की जानकारी है। जिसपर तहसीलदार से जांच रिपोर्ट मांगी गई है। सभी भूमिधरों को नोटिस देकर उनसे पटटा पुष्टि प्रमाण पत्र मांगा गया है। यदि प्रमाण न मिला तो सभी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जाऐगी। तथा पटटा निरस्त कराया जायेगा।
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