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योगीराज में प्रधानो की बल्ले- बल्ले.......


योगी सरकार के सारे आदेश हुए धरासाई।भष्टाचार पहुँचा चरम पर।प्रधान वा सिक्रेटरी हुए बेलगाम ग्रामीणो मे जबरदस्त आक्रोश।
रमेश कुमार मिश्र
तरबगंज गोण्डा।तरबगंज तहसील भष्टाचार की जननी बनती जारही है।ये लाइलाज बिमारी साबित होरही है।जितनी दवा की जाती है उतनी ही बढती जाती है।बगैर पैसे के कोई काम नही होरहा है।चाहे तहसील हो या थाना ब्लाक,ग्रामसभा सब जगह भष्टाचार चरम पर है।योगी सरकार के भष्टाचार खत्म करने के आदेश को ग्रामसभा प्रधान/सिक्रेटरी खुलेआम चुनौती देरहे।जहाँ प्रधानमंत्री आवास योजना मे20हजार से 30हजार तक वसूली कर रहे है।वहीं गाँव में बनने वाली सड़को मे पुरानी वा रद्दी ईट का प्रयोग करके नये ईट का दाम सरकारी खजाने से लेरहे है।यहाँ ये है की खूब लूटो क्या पता अगला प्रधान कोई दूसरा हो तब क्या होगा।ये है ग्राम प्रधान/ग्रामपंचायत अधिकारी की मिली भगत जहाँ विकास के नाम पर खुलेआम लूट होरही है।और जाँच करने की हिम्मत किसी अधिकारी मे नही है।दबंग ग्राम प्रधान की मनमानी योगी सरकार मे भी हाबी है।
जीहाँ हम बात कररहे है गोण्डा जिले के तरबगंज विकासखन्ड के ग्रामसभा सेझिया का जिसको मुख्यविकास अधिकारी(सीडीओ)ने गोद लेरखा है।जिसमे खडन्जा लगवाने के नाम पर पुरानी वा रद्दी ईटो का प्रयोग किया गया है।और तो और खडन्जा के ऊपर मिट्टी की पटाई कराना भी मुनासिब नही समझा ग्राम प्रधान ने जिससे सारी ईटें ऊखडकर बाहर निकल रही है।वा गाँव वालो को सड़क से निकलना कठिन हो गया है।ओमप्रकाश शुक्ल सहित सभी ग्रामवासियो ने बताया की पैसा नयी ईट का निकाला गया है।और लगवाई गयी है पुरानी ईटें।खुलेआम ग्राम प्रधान/सिक्रेटरी गाँव वालो को उल्लू बनाकर लूट रहे है।जिसके खिलाफ हम लोग डीएम वा मुख्यमंत्री से शिकायत करेगे।और उसकी जाँच करवायेगे।आखिर इतना रद्दी ईटा क्यो लगवाया जारहा है।क्या सरकार का नया आदेश हुआ है।की गाँवो में पुराने वा रद्दी ईट का प्रयोग करो।और सरकार से नये ईटो का दाम लो।ग्राम प्रधान वा सिक्रेटरी के खिलाफ गाँव वालो मे जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है जो कभी भी सड़को पर उतर सकती है।
क्या कहते है जिम्मेदार
पूछने पर ग्रामविकास अधिकारी जहीरूल निशा ने बताया की वो मरम्मत का कार्य है जिसमे पुरानी ईटो का ही प्रयोग किया जाता है।जवकि एडीओ पंचायत दामोदर शुक्ल ने बताया की मरम्मत कार्य मे पुरानी वा रद्दी ईट का ही प्रयोग किया जाता है जब ईट कम पड़ जाती है तब नयी ईट लगवाई जाती है।
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