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फर्जी अभिलेखों के जरिये नौकरी हथियाने में सफल रहे आठ शिक्षक बर्खास्त


गोण्डा। फर्जी अभिलेखों के जरिये परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक बनने में सफल रहे आठ शिक्षकों के कुछ अभिलेख सत्यापन में फर्जी पाये जाने पर विभाग द्वारा उन्हें नोटिस देकर अपना पक्ष रखने को कहा गया था। बार-बार चेतावनी के बाद भी इन शिक्षकों द्वारा फर्जी अभिलेखों के विषय में अपना पक्ष न प्रस्तुत करने पर गुरुवार को बेसिक शिक्षाधिकारी ने इन आठ शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया। माना जा रहा है कि विभाग इन पर धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करवा कर दिये गये वेतन की रिकवरी भी करवायेगा।
शिक्षा क्षेत्र बभनजोत के प्राथमिक विद्यालय तरैनिया खारा में तैनात अध्यापक चन्द्रवीर सिंह का बी0एल0एड0 प्रमाण बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी द्वारा जारी किया गया था। सत्यापन में विश्वविद्यालय द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त अभ्यर्थी ने विश्वविद्यालय या उसके अधीनस्थ किसी भी विद्यालय में परीक्षा ही नही दी। यह अंक पत्र पूरी तरह से फर्जी है। इसी तरह झंझरी विकास खण्ड प्राथमिक विद्यालय ताजपुर में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात चित्रवीर सिंह का बीएलएड का अंक पत्र सत्यापन में फर्जी पाया गया। इसी विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय गंगापुर में तैनात शिक्षिका रूपा रानी कर का टीईटी प्रमाण पत्र सत्यापन में फर्जी पाया गया। इन्होंने कभी भी टीईटी की परीक्षा ही नहीं दी। परसपुर विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय चंगेरी में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात श्रीधर का भी प्रमण पत्र सत्यापन में फर्जी पाया गया। पण्डरी कृपाल विकास खण्ड के प्राथमिक विद्याल इमलियारूपी में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात शिक्षिका सीमा यादव का टीईटी एव ंबीएलएड का अंक पत्र सत्यापन में फर्जी पाया गया। सत्यापन में बुंदेलखण्ड विद्यालय द्वारा अवगत कराया गया कि सीमा यादव ने विश्वविद्यालय या उसके अधीनस्थ किसी भी विद्यालय में परीक्षा ही नही दी है। विकास खण्ड कटरा के प्राथमिक विद्यालय पूरे ढफाली में तैनात उमा पटेल का टीईटी का अंक पत्र फर्जी निकला वही पण्डरी कृपाल विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय भीटी पटखौली में तैनात शिक्षिका रितु यादव का बीएलएड का अंक पत्र फर्जी निकला। इसी क्रम में शिक्षा क्षेत्र कटरा प्राथमिक विद्यालय पूरे बदल में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात राम विलास का टीईटी का अंक पत्र फर्जी पाया गया। कूटरचित अभिलेखों के जरिये शिक्षक बनने में सफल रहे आठ शिक्षिकों को अन्ततः अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। माना जा रहा है कि विभाग इन पर धोखा धड़ी का मुकदमा दर्ज कराकर दिये गये वेतन की रिकवरी भी करेगा। 
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