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इन्दिरा आवास योजना में खुल रही फर्जीवाड़े की पोल



गोण्डा। पूर्ववर्ती सरकार में इन्दिरा आवास योजना में रेवड़ी की तरह बांटे गये अपात्रों को आवास की पोल अब परत-दर परत खुल रही है।फर्जीवाड़े का आलम यह रहा कि एक ही बीपीएल आईडी नम्बर पर दो लोगों को आवास दे दिया गया। जांच में खुलाशा होने के बाद योजना से जुड़े कर्मचारी सकते में आ गये है। यह तो महज जांच की बानगी है 
प्रकरण बेलसर विकास खण्ड के गांव बदलेपुर से जुड़ा है। यहाँ पर ग्राम प्रधान व पंचायत अधिकारी की मिली भगत से वर्ष 2014-15 में करीब एक दर्जन लोगों को फर्जी तरीके से आवास दे दिया गया। इसकी गांव के ही अवधेश कुमार पाठक ने डीएम से की थी। डीएम के निर्देश पर सीडीओ ने टीम बनाकर जांच करायी, तो शिकायत की पुष्टि हो गयी, जांच के दौरान पता चला कि 5 लोगों की बीपीएल आईडी पर दूसरे को आवास दे दिया गया। वही करीब 6 लोगों को जिन्हें पूर्व में आवास मिल चुका था। उनकी आईडी पर कूटरचित अभिलेख के तहत आवास दे दिया गया। अब देर सबेर इन लाभार्थियों से धनराशि की वसूली करने की तैयारिया चल रही है। 
आईडी किसी की आवास किसी को
दलित जग प्रसाद के आईडी 8608 पर शिवपता पत्नी रामनरायन को, रामलाल की आईडी नम्बर 8368 पर मीना पत्नी अशोक कुमार, सुबेदार के 8613 पर इन्हें वर्ष 2002-03 में आवास मिला था। इसी आईडी पर वर्ष 2009-10 में नानमून पुत्र मंगरे सिंहराज के बीपीएल आईडी 8609 पर प्यारे पुत्र संगम लाल वृजमोहन पत्नी सोमना को 2002-03 में आवास मिला था इनके आईडी पर पुनः वर्ष 2014-15 में जगरानी पत्नी पंचम तथा जगमोहन पुत्र झूरे को वर्ष 2007-08 में आवास मिला था। इनके आईडी नं0 8615 पर 2014-15 में शिवपता पत्नी बाबादीन को मिश्रीलाल को 2011-12 में आवास मिला था। इनके आईडी 8603 पर सवारे पुत्र सोमई, रेनू देवी के आईडी 8598 पर ओम प्रकाश बदलू पुत्र छाड़ू के आईडी 8595 पर नीलम पत्नी बदल, राम प्रसाद के आईडी 8380 पर सुपनेखा पत्नी रुपलाल को आवास दे दिया गया। 
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