प्रदीप कुमार गुप्ता
मसकनवा गोंडा:-रेलवे के सेक्शन इंजीनियर की लापरवाही से एक बड़ा ट्रेन हादसा होते होते टला।क़स्बा वासियों ने आनन् फानन दूसरा ट्रैक्टर मंगवाकर ट्रैक्टर ट्राली को निकाला गया।मामला
मसकनवा रेलवे स्टेशन के पश्चिमी गेट 237/ A का है।जहाँ गन्ना से लदी ट्रेक्टर ट्राली के धंसने व फंस जाने से गोंडा-गोरखपुर प्रखंड का मुख्य रेलवे ट्रैक अप और डाउन चौबीस मिनट तक बाधित रहा।जिससे कई ट्रेनों को अगल बगल के स्टेशनों पर डिटेन करना पड़ा।मसकनवा के 237/A गेट का करीब बीस दिन से पीएससी स्लीपर बदलने व ओवरहालिंग का कार्य चल रहा था।कार्य पूरा होने के पांच दिन बाद भी ट्रैक के किनारे खोदे गए सड़क का डामरीकरण नहीं किया गया तथा कार्य को जस के तस ही अधूरा छोड़ दिया गया।जिसके कारण दो पहिया व चार पहिया वाहनों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।गुरुवार की शाम गन्ने से लदी ट्रैक्टर ट्राली के लाइन पर पड़े बोल्डर में धस जाने के कारण रेलवे ट्रैक सोलह बजकर अट्ठारह मिनट से लेकर सोलह बजकर बयालीस मिनट तक अप डाउन ट्रैक पूरी तरह से बाधित रहा।जिससे ट्रेनों का सञ्चालन पूर्ण रूप से ठप रहा।वहीँ प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना है कि मसकनवा रेलवे क्रासिंग काफी बिजी वाला क्रासिंग है।जहाँ एक बार फाटक बंद होने पर सैकड़ों दो पहिया व चार पहिया वाहन दोनों तरफ खड़े हो जाते है।डामरीकरण न होने से सभी गाड़ियां लाइन पर ही फस जाती है।
सेक्शन इंजीनियर ने की अभद्रता
रेलवे के सेक्शन इंजीनियर मनकापुर से जब इस बाबत पुछा गया तो उन्होंने अभद्रतापूर्ण व्यवहार करते हुए कहा कि एक्सिडेंट होना है तो हो जाने दो।साथ ही जब संवाददाता ने उनका नाम जानना चाहा तो कहा कि नाम नहीं बता सकता।अगर मिलना है तो मेरे रूम पर आ जाओ।फिर बताता हूँ सवाल का जवाब कैसे देते हैं।
जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं न कहीं उक्त महोदय दोषी हैं।
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