प्रदीप कुमार गुप्ता
मसकनवां ( गोंडा ) कुसंगति का प्रभाव केवल मनुष्य पर ही नही पशु पर भी पड़ता है, और इससे संपूर्ण जीवन दिशा हीन होकर भटक जाता है । जन्म से कोई तस्कर, डाकू व संत नही होता है, जो जिस परिवेश में रहता है वैसा बन जाता है । यह बात 70 हजार किलोमीटर की पद यात्रा (कशमीर से कन्या कुमारी) पर निकले राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश, घनश्याम मुनि , व कौशल मुनि महराज ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय मसकनवां में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कही । इनका अगला पड़ाव, हथियागढ़ , गौराचौकी होते हुए सिद्धार्थ नगर के रास्ते नैपाल जाने का है । पद यात्रा राष्ट्र संत कमल मुनि कमलेश के नेतृत्व में गौरक्षा, व्यसन मुक्ति, पर्यावरण, सर्व धर्म सद् भाव, अहिंसा, एवं राष्ट्रीय एकता का अलख जगाते हुए कन्या कुमारी तक जायेगी । उन्होनें कहा कि लाखों लोगों का पतन केवल कुसंगति से हुआ है बच्चों का जीवन निर्मल पानी व कोरे कागज के समान होता है । जैसी संगति का रंग मिलेगा उसी रंग में रंग जायेगा । कुसंगति हमारे शरीर के साथ साथ आत्मा को भी भटकाने का कार्य करती है । हमे इससे सजग रहना है । इसे नियंत्रित करने का कार्य अनुशासन का है । बिना अनुशासन के मनुष्य पशु के समान है । कुंठित विचारों का परित्याग कर वातसल्य भाव व सद्भावना पूर्वक रहना ही सबसे बडा़ धर्म है ।
उन्होंने सभी को पीड़ित, मानवता एवं प्राणी मात्र की सेवा, के लिए प्रेरित करने, पशु रक्षा- गौरक्षा, व्यसन मुक्ति, तथा पर्यावरण संतुलन के लिए निःस्वार्थ कार्य करने का वचन लिया । इस मौके पर पूर्व ब्लाक प्रमुख शैलेन्द्र पाण्डेय, विष्णु देव शुक्ल, प्रधानाध्यापक पूरन गुप्ता, प्रदीप कुमार, कविता त्रिपाठी, अनामिका, प्रियंका सिंह, आदि ने भी विचार व्यक्त किये ।
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