राकेश गिरी
बस्ती । बचपन में छात्रों के बीच जो संस्कार पड़ते हैं उसका प्रभाव पूरे जीवन बना रहता है। प्रत्येक छात्र-छात्रा में कोई न कोई विशेष गुण होता है, गुरूजन इसे बेहतर ढंग से समझते हैं। माता-पिता को भी चाहिये कि उनके पाल्य में जो स्वाभाविक गुण हो उसे विकसित करने में योगदान दें और अपनी इच्छाओं को न थोपे। यह विचार सहायक बिक्रीकर आयुक्त आलोक कुमार तिवारी ने व्यक्त किया। वे शनिवार को मिश्रौलिया स्थित ग्रीन वैली एकेडमी में आयोजित ‘सफलता के मूल मंत्र’ विषयक व्याख्यानमाला को सम्बोधित कर रहे थे।
नन्हें मुन्ने बच्चों से सीधा संवाद बनाते हुये आलोक तिवारी ने कहा कि जो भी बनना हो पहले लक्ष्य का निर्धारण कर लें और उसके बाद उचित मार्गदर्शन में सही दिशा में परिश्रम करें। भटकाव समस्यायें खड़ी कर देता है। जीवन में सही दिशा दृष्टि का होना आवश्यक है। छात्रों ने उनसे कैरियर सम्बन्धी सवाल भी पूंछे।
रोटरी क्लब के मयंक श्रीवास्तव ने छात्रों को महत्वपूर्ण सुझाव दिये। कहा कि जीवन में ज्ञान, विज्ञान,कला, संस्कृति, कृषि का सर्वांगीण समन्वय होना चाहिये।
प्राचार्य डॉ. अजीत प्रताप सिंह ने कहा कि नन्हें मुन्ने बच्चे संदेशों को सहज रूप में ग्रहण करते हैं। उन्हें उचित वातावरण मिले यह सबका दायित्व है।
प्रधानाचार्य श्रीमती संध्या सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुये कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को विशिष्ट जनों के अनुभवों से जोड़ना है। ऐसे आयोजनों से छात्रों में रचनात्मक प्रतिस्पर्धा का विकास होता है। इस अवसर पर सहायक बिक्रीकर आयुक्त आलोक कुमार तिवारी को अंग वस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम संयोजन में आशीष मिश्र, अर्चना सिंह, जया शुक्ला, साकेत यादव, रेनू जायसवाल, अंजू श्रीवास्तव, मनाली, शशि श्रीवास्तव, स्वीटी, मुस्कान नारंग आदि ने योगदान दिया।
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