अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। जनपद पुलिस की कार्यशैली पर उस समय सवालिया निशान लग गया जब पुलिस की पिटाई से खफा होकर एक युवक मोबाइल टावर पर चढ़ गया और टावर के ऊपर चीख-चीखकर पुलिस विरोधी नारे लगाते हुए यूपी पुलिस को सबसे भ्रष्ट पुलिस बताया । घंटों में मनौवल व काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस उपाधीक्षक तुलसीपुर योगेंद्र कृष्ण नारायण के कहने पर अक्षय कुमार शुक्ला टावर से नीचे उतरा । इस दौरान टावर के पास बड़ी संख्या में लोग पहुंच चुके थे और भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया था । यहां तक कि पीएसी को भी बुला लिया गया था ।
पीड़ित युवक अक्षय शुक्ला जो मथुरा चौकी के पास के गांव चैसार का निवासी है उसने बताया कि 16 नवम्बर की शाम उसने मथुरा चौकी पर अवैध बालू खनन तथा अवैध लकड़ी काटी जाने की शिकायत की थी । 18 नवम्बर की सुबह उसी के गांव के राम समुझ गौतम के 10 वर्षीय पुत्र को मथुरा चौकी पुलिस पूर्व में पुलिस के एक उप निरीक्षक के रिवाल्वर के चोरी में पूछताछ के लिए मथुरा चौकी लेकर आई थी ।
पीड़ित युवक अक्षय कुमार शुक्ला ने पकड़े गए युवक की मां के साथ पुलिस चौकी आया और उसने सिपाही से पूछा कि जिस युवक को आप लोग पकड़ कर लाए हैं वह कहां है । उसकी बात सुनकर पुलिसवाले भड़क गए और गाली गलौज करने लगे । पुलिस वालों के गाली गलौज करने पर उसने मना किया और कहा कि जब आप लोग अपनी रिवाल्वर की रक्षा नहीं कर सकते तो आम जनता की रक्षा कैसे करेंगे । इतना कहते ही वहां पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे पीटना शुरू कर दिया । इतना ही नहीं पकड़ कर मथुरा चौराहे पर लाएं और वहां भी पिटाई की । सार्वजनिक तौर पर अपनी पिटाई से छुब्ध होकर ही उसने आत्महत्या करने के उद्देश्य से मोबाइल टावर पर चढ़ा था । उसका यह भी कहना है सरकार भले ही बदल गई है अभी भी देश में सबसे भ्रष्ट यूपी पुलिस है । सरकार बदलने से फर्क सिर्फ इतना पड़ा है कि जो काम पहले ₹50 देने पर हो जाता था वही काम अब सो ₹200 देने पर होते हैं । इस पूरे मामले पर पुलिस उपाधीक्षक तुलसीपुर योगेंद्र कृष्ण नारायण ने बताया कि उनके आश्वासन के बाद युवक टावर से नीचे आ गया था । उसकी शिकायत की तहरी ले ली गई है और जांच थाना अध्यक्ष ललिया देवेंद्र पांडे को दिया गया है । जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी । उन्होंने यह भी माना कि कुछ बात जरूर हुआ होगा जिसके कारण युवक को ऐसा कदम उठाना पड़ा । जो भी हो जांच में सब कुछ सामने आ जाएगा । दरअसल 20 नवंबर के दोपहर में यूपी हंड्रेड पर तैनात उपनिरीक्षक बैजनाथ सिंह का रिवाल्वर उन्हीं के गाड़ी से चोरी हो गया था । इस मामले में बैजनाथ सिंह व उनके सहयोगी सिपाही उपेंद्र यादव को पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार ने निलंबित कर दिया था । उसी मामले की तहकीकात अभी चल रही है और उसी सिलसिले में मथुरा चौकी पुलिस रामसमुझ गौतम के 10 वर्षीय पुत्र को पकड़कर चौकी पर लाई थी । अब सवाल यह उठता है कि एक 10 वर्षीय बच्चे को इस प्रकार पकड़कर पुलिसिया उत्पीड़न कहां तक जायज है । 10 वर्ष का बच्चा क्या पुलिस की गाड़ी से रिवाल्वर चोरी कर सकता है ? शायद उसे रिवाल्वर के बारे में जानकारी भी ना हो यहां तक कि वह रिवालवर को पहचानता भी नहीं होगा । कमाल की है यूपी पुलिस पूछताछ भी कर रही है तो 10 वर्ष के बच्चे से । आश्चर्य की बात तो यह है कि कुछ वर्षों पहले इसी मथुरा चौकी पर तैनात दरोगा राम सिंहासन का सर्विस रिवाल्वर भी उनके कमरे से चोरी हुआ था । इस मामले में उन्हें भी निलंबित किया गया था और उस रिवाल्वर का आज तक कोई पता नहीं चल पाया ।
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