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जंगलो में तब्दील हो गया अधूरा पड़ा शौचालय

 
 
शौचालय के भी पैसो को निगल गये भ्रष्टाचारी अधिकारी व प्रधान
राजकुमार शर्मा 
नानपारा,/(बहराइच):- सीमावर्ती विकासखण्ड नवाबगंज क्षेत्र अंतर्गत ब्लॉक मुख्यालय से तकरीबन तीन किलोमीटर पर स्थित ग्राम पंचायत जैतापुर में भ्रष्टाचार की भेंट की चढ़े शौचालय की जांच आख्या पुनः भ्रष्टाचार की भेंट चढने से नही बच सकी।भ्रष्टाचारीयों के रहते कैसे होगा देश का विकास ये बड़ा सवाल है ? जब देश की सेवा में बैठे ऐसे अधिकारी भ्रष्टाचारियो का साथ निभाते रहेंगे तो कौन करेगा केंद्र व राज्यसरकार के सपनो को साकार! आपको बता दे कि क्षेत्र में "स्वच्छ भारत अभियान" अपनी जमीनी हकीकत कुछ और ही बया करती दिख रही है। जहाँ एक ओर  जनता में जागरूकता लाने के लिए सभी अधिकारी व कर्मचारी "स्वच्छ भारत" अभियान का जोर सोर से प्रचार करते फिरते नज़र आ रहे हैं। वही कुछ चुनिंदा भ्रष्टाचारी अधिकारी व प्रधान पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट से भी अपने जेबे भरने का मौका नही छोड़ रहे है। एक ऐसा ही मामला क्राइम जंक्शन की सर्वे में ग्राम पंचायत जैतापुर में देखने को मिला। मालूम हो कि यह ग्राम पंचायत  लगभग दो हजार से अधिक आबादी व पांच मजरों की है, ग्राम पंचायत के विकास की बात किया जाए तो इस पंचायत में मिलो दूर तक न रोड न ही नालियां, खंबे लगे पर तार तकरीबन तीन वर्षो से नही लटके, सड़कों पर कीचड़ का अम्बार दिखना आम बात है। स्वच्छ भारत अभी की रीढ़ की हड्डी माना जाने वाला पीएम का ड्रीम प्रॉजेक्ट घर-घर मे शौचालय पर भी यह के भ्रष्टारियो की नज़र से कोई नही बचा सका या ये कहें कि शौचालय पर शनि देव का ग्रहण लगे हुवे तीन वर्षों बीत गये।आपको बता दे कि क्राइम जंक्शन के द्वारा गांव के शौचालय को लेकर हुई धांधली की खबर प्रकाशित की गई थी ।जिसके बाद जिसको जिलाधिकारी ने जांच का आदेश दिया था, परंतु राहू-केतू ने पुनः उसे जकड़ लिया जिससे समस्या का निदान न होकर ज्यो की त्यों ही बनी हुई है। विदित हो कि ग्राम पंचायत के ग्रामीणो ने शौचालय पूर्ण रूप से न बने होने का दावा  करते हुए पुनः जांच कराए जाने का मांग कि है। वही कई स्थान पर अधूरे बने शौचालय अद्धा ,बालू , कांडा रखा देखने को यूँ ही मिल जाता है,ग्रामीणो का आरोप है कि इस जांच को जिस कर्मचारी व अधिकारी को दिया गया बिना मौके का मुआयना किये हुए जांच आख्या शासन को भेज कर खानापूर्ति करते हुए संबंधित प्रधान को बचाने का जतन कर डाला गया।वही प्रधान द्वारा कुछ मात्रा में शौचालय का सुन्द्रीकरण करा कर फ़ोटो खिचवांने का कार्य किया गया। जिससे कार्य को पूरा करने का दावा किया जा सके। कैसे होगा ग्रामपंचायत का विकाश जब जांच अधिकारी ही भ्रष्ट प्रधानों का बचाव करने का जतन करते रहेंगे यह सोचने व समझने का विषय है। जो उच्चाधिकारियो से संबंधित है। जहाँ एक ओर केंद्र से लेकर राज्य सरकार व बड़े से लेकर छोटे अधिकारी व कर्मचारी साथ ही साथ फिल्मस्टार व समाजसेवी ,प्रतिनिधि मंडल सभी को एकजुट होकर 'स्वछ भारत अभियान' के मिशन को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करते है वही कुछ भ्रष्ट अधिकारी, कर्मचारी,प्रधान अपनी जेब गर्म करने के चक्कर मे मिशन को अंदर ही अंदर खोखला कर सफल बनाने की बजाय पलीता लगाते नज़र आ रहे हैं।एक तरफ ग्रामीण को स्वछता के तहत पाठ  पढ़ाया जाता है, "एक रोटी खायेंगे पर शौचालय अवश्य बनवाएंगे" का नारा भी दिया जाता है वही दूसरी ओर प्रधान द्वारा लाभार्थियों के लिए आया सरकारी धन अपने जेब भरने का भी काम बदस्तूर जारी रहता है। 

देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि सामने रखी थाली दूसरे द्वारा छीनना जैसे घिनौना कार्य कुछ पंचायतों में देखने को मिलता है  जिसका जीता जागता उदाहरण इस ग्राम पंचायत के मजरे गंगापुर में साफ तौर पर कभी भी देखा जा सकता है, ग्रामीणों के अनुसार जांच के आदेश होने पर प्रधान द्वारा अपने कुछ चहेतों का शौचालय बनवाया गया जो मानक के विपरीत है,जबकि अत्यधिक मात्रा में अभी भी कार्य अधूरे हैं । जिसका कागजी खानापूर्ति कर कागजो पर कार्य पूर्ण होने का दावा प्रधान द्वारा किया जा चुका है। जबकि जमीनी हकीकत कुछ और बयाँ करती नज़र आ रही है। वही दर्जनो ग्रामीणों ने संबंधित जांच को पुनः उच्चाधिकारियों से कराने की मांग की है, तथा भ्रष्टाचारी प्रधान व कर्मचारी के खिलाफ उचित कठोर-दण्डात्मक कार्यवाहि करने की मांग की है।

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