बहराइच। जिले में एक ऐसा रॉबिन हुड जिसके थाने में पहुंचते ही थाने की बदलने लगती है सूरत अप्राधियोँ की क्षेत्र में हो जाती है सिट्टी-पिट्टी गुम। जी हाँ हम बात कर रहे है एक लंबे अरसे से जिले में अपराधियों के दाँत को खट्टे करने वाले संजय दुबे की। सितम्बर 2012 से बहराइच जिले पोस्ट हुवे संजय दुबे थानाध्यक्ष विशेश्वरगंज, थानाध्यक्ष नवाबगंज,थानाध्यक्ष पयागपुर ,थानाध्यक्ष रानीपुर, थानाध्यक्ष रिसिया व थानाध्यक्ष दरगाह शरीफ के साथ साथ जिले की स्वाट टीम का प्रभार सम्हाल कर जिले में बढ़ते क्राइम को वक्त डर वक्त कुचला है। जनपद गोरखपुर के ग्राम ब्रम्हसारी थाना बेलघाट में पैदा हुए संजय दुबे के पिता स्वर्गीय श्री ओमप्रकाश दुबे सेना में एक बड़े अधिकारी थे। अपने बोर्ड एग्जाम के वक्त पिता की आकस्मिक मृत्यु के बाद संजय दूबे का परिवार टूट से गया था। घर मे माँ व उनके तीन बेटो में मंझले बेटे संजय ने पिता के मृत्यु के बाद भी हार नही मानी और अपनी प्रिय माँ की क्षत्र-छाया में शिक्षा ग्रहण करने का प्रयास करते रहे। गांव के ही स्कूल से हाईस्कूल व इण्टर मीडियट कर गाँव से बाहर कदम रखते हुवे सेंट एंड्रूज कालेज गोरखपुर से स्नातक कर अपने आपको समाज मे साबित करते हुवे माँ के प्रयासों को सार्थक किया।
स्नातक करते-करते अपने पिता की तरह देश सेवा में लगने की ठानने वाले संजय दूबे ने पुलिस ट्रेनिग से पहले एयरफोर्स में फॉर्म डाल कर देश सेवा करने का सोचा था,लेकिन माँ के आशीर्वाद व पढ़ाई में लगन के चलते संजय दूबे के पुलिस ट्रेंनिग लेनी शुरू कर दी इसी दौरान आये एयरफोर्स के कॉल लेटर को देख वह उनकी ज़िंदगी का बड़ा ही असमंजस भरा दिन था। उलझन में पड़े संजय दुबे को यह समझ नही आ रहा था कि क्या करें,उलझन में पड़े संजय ने अपने एक वरिष्ठ अधिकारी जिन्हें वह अपना मार्ग दर्शक मानते थे उनसे राय ली और एयरफोर्स के तमाम ऐशो-आराम छोड़ पुलिस की ट्रेनिंग कर उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा के द्वारा देश सेवा करने का निश्चय किया।
पुलिस सेवा में ज्वाइनिंग के बाद मिली तैनाती से छूने शुरू किए नये आयाम
एयरफोर्स की नौकरी छोड़ पुलिस सेवा को करते हुवे देश की अंतः सुरक्षा का अभिन्नय अंग बनने के बाद से ही संजय दूबे ने जिले दर जिले नये आयाम छूने शुरू कर दिये जिसमे जनपद लखीमपुर, बाराबंकी सहित कई अन्य शामिल थे जिन जनपदों में बहुत सारे सराहनीय कार्य किये। जिसमे से जनपद लखीमपुर में वर्ष 1995 में बदमाशो से आमने सामने की मुठभेड़ तक हुई। कई जिलों में विख्याति डकैत श्यामलाल से ज़ह लखीमपुर का पुलिस प्रशासन त्रस्त था उस कुख्यात डकैत श्यामलाल पासी को मुठभेड़ मार गिराने का साहसी कार्य संजय दुबे के साथ उनकी टीम ने आलाधिकारियों के निर्देशन में किया।इस मुठभेड़ में संजय दूबे बाल-बाल बचे।
सितम्बर 2012 में आये बहराइच
जनपद बहराइच में नियुक्ति के दौरान से अपने अन्य जिलों के कुशल कार्यो से जाने-जाने वाले संजय दूबे ने बहराइच जनपद में भी बहुत ही कम समय मे क्राइम की बारीकियों से खुद को वाकिफ कर लिया। इण्डो-नेपाल की सीमा से सटे इस शहर में आपराधिक गतिविधियों के ग्राफ वक्त डर वक्त बढ़ते जा रहे थे लेकिन जिले में हो रहे क्राइम को उसकी जड़ो तक समझने के बाद से संजय दूबे अपराधियो को मुँह तोड़ जवाब दिया। संजय दूबे ने कई बड़े खुलासे किए जिसमे साइबर गैंग को दिल्ली से, विधायक भिनगा के साथ ठगी व लूट को दिल्ली व हरियाणा, गाजियाबाद से, फखरपुर की डकैती के अभियुक्त लखीमपुर व नेपाल से,पयागपुर की डकैती के अभियुक्त को लखीमपुर, सीतापुर व नेपाल से गिरफ्तार कर केस को वक्त रहते ही क्लोज किया। और यही नही नानपारा पूर्व चेयरमैन अब्दुल वहीद से 9 लाख रूपये की लूट के अभियुक्तों को मध्यप्रदेश से अपने कस्टडी में लेते हुवे, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर सहित पूरे भारत मे लूट करने वाले एक बड़े गैंग मुगु राव गैंग उड़ीसा का खुलासा किया। इसी तरह स्वर्ण व्यवसायिओं के साथ लूट करने वाले रिंकू सिंह गैंग को भी संजय दुबे ने पाताल से खोज निकालते हुवे अपना लोहा मनवाया। नेपाल से अपहरण कर हत्या करने वाले रिजवान साईं गैंग व मुन्नन साइ गैंग को पकड़ कर कईयों को अपहरण मुक्त कराया गया। जनपद के थाना दरगाह में कमान समहालने पहुंचे संजय दूबे ने दरगाह में हत्या सहित बोलेरो लूट का खुलासा करते हुवे अपने थाना क्षेत्र के लोगो के दिलो में एक अच्छी जगह बनाये रखी।जिले में कप्तान निर्देशन में पूरे जिले में स्वतन्त्र रूप से स्वाट टीम के प्रभारी के पद पर कार्य करते हुवे जनपद में हुई बहुत सारी लूट डकैती सहित अन्य कई हत्या के प्रकरणों का खुलासा किया जिससे संजय दूबे की दक्षता का लोहा आला अधिकारी भी मानने लगे।
जिस थाने में हुवे तैनात उस थाने का बदल दिया कायाकल्प
संजय दूबे एक मध्यम परिवार से तालुक रखने वाले बेटे है। गाँव के गलियारों में बिताए बचपन की यादे उन्हें कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों से जुदा करती हुई दिखाई देती है। बचपन मे गाँव के दोस्तो संग मिल घरौंदा बनाने का खेल खेलते-खेलते संजय दूबे में उस में प्रवृत्ति का विकास हो गया जिसके चलते वह अपने इर्दगिर्द साफ-सफाई के साथ-साथ अस्त-व्यस्त चीजो को सुधार कर उससे समाज के लिए एक सीख छोड़ने लगे। संजय दूबे जिस भी थाने में गये उस थाने में जर्जर भव हो या सौन्दर्यकरण जनमानस के सहयोग से उस थाने का कायाकल्प ही पलट दिया। आज भी जिले के कई थाने अपनी वर्तमान खूबसूरती को संजय दूबे की देन ही मानते है।वर्तमान समय मे थाना नानपारा में सौन्दर्यकरण का कार्य पूरा करवा चुके संजय दूबे का सम्मान नानपारा नगर की जनता तहेदिल से करने लगी है। वर्षों से जर्जर पड़ा थाना आज थाना लगने लगा है। जनता से व्यवहार कुशल रहने वाले संजय दूबे ने क्षेत्रीय लोगो संग मिल कर नानपारा में होने वाले जुवें व स्मैक के धंधे को लगभग खत्म कर थाना क्षेत्र में भय मुक्त वातावरण स्थापित किया है।
किन-किन पुलिस अधिकारियों को मानते है अपना आदर्श
अपने ड्यूटी को बेहद रूचि के साथ करने वाले संजय दूबे अपने हर केस को क्रिकेट टूर्नामेंट समझ कर इन्जॉय करते हुवे उसपर वर्कआउट करते है। जिससे उन्हें काम बोझ न लगे और वह फ्री माइंड सेट कर केस को जल्द से जल्द सॉल्व कर सके।
संजय दूबे बताते है कि भारत के प्रत्येक जिले के ऐसे पुलिस अधिकारी को अपना आदर्श मानते हैं, जो अपराध नियंत्रण में रूचि रखते हैं और तकनीकी ज्ञान से दक्ष है।ऐसे अधिकारी जो आपस मे मिलकर एक दूसरे से सूचनाओं का आदान प्रदान करके काम करते हैं वे पुलिस महकमे के असली कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी होते है,इनमे कुछ प्रमुख नाम हैं जिनको पूरे भारत मे अपराध नियंत्रण में अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।जैसे-दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर राजपाल डबास,नवीन दहिया,उत्तर प्रदेश पुलिस के डिप्टी एसपी विनोद सिरोही,कुलदीप दीक्षित,हरियाणा पुलिस के इंस्पेक्टर कुलभूषण, केवल सिंह, यशवंत यादव, हिमांचल पुलिस के इंस्पेक्टर बिन्नी मिनहास, महाराष्ट्र पुलिस के सन्दीप पाटिल, प्रदीप शर्मा , दया नायक, मध्यप्रदेश पुलिस के रामबीर दाऊ, जीतू भाई , योगेंद्र सिंह सिसौदिया, उत्तरांचल के हरपाल सिंह, मो० यासीन सहित सहित पूरे भारत के वे तमाम कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी जो अपराध के खात्मे के लिए जी जान से डट कर मुकाबला करते है वे मेरे आदर्श है।
साइबर क्राइम के केसेज़ पर वर्कऑउट करते-करते हुवा सोशल मीडिया की पावर का अंदाज़ा
जिले में लंबे अंतराल तक स्वाट टीम के प्रभारी रहे संजय दूबे को सोशल मीडिया की पावर का अंदाज़ा तब से था जबसे वे साइबर क्राइम के केसों को सॉल्व करने के लिए दिन-रात सोशल मीडिया की पड़ताल करते रहते थे। हाल्ही में हुवे एक वाकिये का ज़िक्र करते हुवे संजय दूबे ने बताया कि एक ग्राम का रहने वाला मन्दबुद्धि युवक तीन साल पहले अचानक गायब हो गया था। लेकिन दो दिन पूर्व बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की एक संस्था ने मुझे(संजय दूबे) को फोन पर जानकारी दी। कि एक युवक अपने आप को नानपारा का रहने वाला बता रहा है। इसके अलावा कोई और जानकारी नही दे पा रहा है ।नानपारा कोतवाल संजय ने युवक की फोटो मंगवायी और जिले के कई व्हाट्सअप ग्रुप समेत अपने फेसबुक पर युवक की फोटो अपलोड कर लोगों से सहयोग मांगा। जिसके बाद सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होते ही रुपईडीहा थाने के सम्मन ग्राम के रहने वाले एक परिवार ने कोतवाली पहुंचकर युवक की पहचान अख्तर के रूप में की उन्होंने बताया कि ये हमारा भाई है। जो कि तीन साल पहले गायब हो गया था। जिसके बाद हम लोगो ने इनकी काफी खोजबीन की लेकिन कोई पता नही चल पा रहा था। इलाके के लोगो के ओर से फेसबुक व व्हाट्सअप पर तस्वीर देखने के बाद इन्हें जानकारी मिली जिसके बाद ये लोग नानपारा कोतवाली पहुंचे थे। युवक की तलाश के लिये लगाये गए पोस्टर को भी उन्होंने कोतवाल को दिखाया। युवक के परिवार की पुष्टि हो जाने के बाद कोतवाल संजय दुबे ने उनकी बात सेवा कुटीर संस्था से कराते हुये बिहार के मुजफ्फरपुर भेज दिया है। वही इलाके में उनके और से किये गए इस प्रयास की लोग काफी प्रसंशा कर रहे है।
नानपारा थाने में हाल ही में करवाया गया निर्माण कार्य |
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