अखिलेश्वर तिवारी
एसपी ऑफिस के बाहर तवियत बिगड़ी अस्पताल ले जाते समय हुई मौत
मनोज सिंह थे यूपी डॉयल 100 प्रभारी
बलरामपुर ।। यूपी डायल 100 के जनपद बलरामपुर प्रभारी मनोज कुमार सिंह का आज दिन में हृदय गति रुक जाने से अचानक मौत हो गई । मनोज सिंह एक होनहार एवं कर्मठ पुलिसकर्मी थे । उनके निधन से पूरे विभाग में शोक की लहर दौड़ गई है । पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र कुमार सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी ओम प्रकाश सिंह सहित तमाम पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों ने मनोज सिंह के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया है ।
जानकारी के अनुसार हमेशा की तरह आज सुबह लगभग 10:30 बजे मनोज सिंह अपनी यूपी हंड्रेड गाड़ी से अपने आवास से एसपी ऑफिस पहुंचे थे । पुलिस ऑफिस के बाहर कैंटीन के सामने गाड़ी खड़ा करा कर नीचे उतरे ही थे कि अचानक उनके सीने में तेज दर्द हुआ और वहीं पर बैठ गए । इससे पहले कि सहयोगी पुलिस कर्मी को समझ पाते अचानक गिर गए । सहयोगी पुलिसकर्मी व आसपास के अन्य पुलिसकर्मियों ने दौड़ कर उन्हें उठाया और उन्हीं के गाड़ी से तत्काल मेमोरियल चिकित्सालय पहुंचाया जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया । सूचना पाकर पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार भी अस्पताल पहुंचे और पूरी स्थिति का जायजा लिया । कोतवाल नगर गंगेश शुक्ला ने लाश को पीएम भेजने की कार्यवाही शुरु की । इस बीच उनके घर परिजनों को सूचना भी दे दी गई । मनोज कुमार सिंह का पैतृक गांव चंदौली जिला में है तथा वर्तमान समय में उनका परिवार बनारस में रह रहा है जहां पर उनका अपना निजी मकान है । उनके एक पुत्री तथा एक पुत्र है । पुत्री जॉब कर रही है तथा पुत्र अभी अध्ययनरत है । मनोज कुमार सिंह बेहद होनहार युवा कर्मठ पुलिसकर्मी थे उनके निधन से पुलिस विभाग में शोक का माहौल है । वही तमाम उन्हें जानने वाले लोग यह घटना सुनकर हस्तप्रद हैं । पीएम रिपोर्ट आने के बाद मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा । फिलहाल हार्ट अटैक ही उनकी मौत का कारण माना जा रहा है । सहयोगी पुलिस कर्मियों ने बताया कि मनोज सिंह आज छुट्टी पर घर जाने वाले थे जिसके लिए उन्होंने बैंक से पैसे भी निकाल लिए थे और घर जाने की पूरी तैयारी कर रखी थी । पुलिस ऑफिस में छुट्टी लेने के लिए पुलिस अधीक्षक के कार्यालय गए थे परंतु ईश्वर को शायद उनका जीवित घर पहुंचना मंजूर नहीं था । आपातकालीन वार्ड में तैनात डॉक्टर राजेश कुमार सिंह ने बताया कि असप्ताल पहुँचने से पूर्व उनकी मौत हो चुकी थी ।
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