विवाहिता का घर के अंदर फंदे से लटका मिला था शव
सत्येन्द्र खरे
कौशांबी : मंझनपुर कस्बे के नेहरु नगर गल्ला मंडी में तीन साल पहले विवाहिता की आग से जलकर मौत हो गई थी। मामले को लेकर विवाहिता के पिता ने कम दहेज के कारण बेटी को जलाकर मार दिया था। गुरुवार को न्यायालय ने पति सहित सास- ससुर को दहेज हत्या का दोषी पाया। जिसके बाद त्वरित न्यायालय प्रथम के जज दिनेश पाल यादव ने सभी को सजा सुना दी।
अभियोजन के अनुसार इलाहाबाद जनपद के धूमनंज बम्हरौली निवासी मगनलाल ने अपनी बेटी शिल्पी की शादी फरवरी 2014 को मंझनपुर कस्बे के नेहरु नगर गल्लामंडी निवासी राकेश कुमार केसरवानी के साथ शादी की थी। शादी के बाद से ही कम दहेज को लेकर ससुराली जन उसे प्रताड़ित करते थे। जिसकी शिकायत शिल्पी अपने पिता से अक्सर करती रहती थी। आरोप है कि 23 अगस्त 2014 को शिल्पी के ससुराली जनों ने उसकी हत्या कर शव को फंदे पर लटका दिया था। मगनलाल की तहरीर पर मंझनपुर कोतवाली पुलिस ने शिल्पी के पति राकेश कुमार केसरवानी, ससुर पितंबर लाल व सास आशा देवी सहित छह लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा पंजीकृत कर लिया और विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। मामले का विचारण त्वरित न्यायालय प्रथम की अदालत में चला। शासकीय अधिवक्ता अब्दुल लतीफ ने वादी समेत आधा दर्जन गवाहों को न्यायालय में पेश किया। गुरुवार को मामले की अंतिम सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष व बचाव पक्ष के तर्कों को सुनने व पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के अवलोकन के बाद न्यायालय ने मृतका के पति, सास व ससुर को दहेज हत्या का दोषी पाया। इसके बाद पति को दस और सास-ससुर को सात-सात साल की सजा सुनाई। साथ ही प्रत्येक पर 15-15 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। जबकि मुकदमे में तीन अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया।
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