मिथलेश
बभनान गोंडा।भगवान् घनश्याम महाराज की जन्म स्थली स्वामिनारायण मंदिर में जन्म स्थान उद्घाटन महोत्सव के दूसरे दिन काव्य संध्या का भव्य आयोजन किया गया। कवियों ने अपनी कविताओं से सबका दिल जीत लिया।सम्मेलन की अध्यक्षता महंत ब्रम्हचारी स्वामी वासुदेवानंद जी महराज और संयोजन ब्रम्हचारी स्वामी हरिस्वरूपा नंद महाराज की। सम्मेलन की शुरुआत प्रसिद्ध साहित्यकार कवि सतीश आर्य ने अपने छन्दों से किया।उन्होंने मुक्तक पढा ' मधु स्नेह के रतन ये तुम्हारे नयन, जैसे सोने से अयन ये तुम्हारे नयन दृष्टि में है बसी वेद की हर ऋचा, जैसे काशी वृदांवन ये तुम्हारे नयन।। कवि चन्द्रगत कुमार ने अध्यात्म पर रचना पढ़ी ' जो वृक्ष अहिंसा का था स्वामी ने लगाया। आयेगा फल जरूर है स्वामी ने बताया।। युवा कवि सुधांशु गुप्त बसंत ने पवित्र छपिया धाम पर दोहा पढ़ा ' जिसके कण कण में बसे, वासुदेव घनश्याम। दुखियों के दुख को हरे, अपना छपिया धाम।। डॉ वी एन शर्मा ने समसामयिक रचना पढ़ी 'हे प्रभु भ्रष्ट मानव को वरदान दो हर ह्रदय प्रेम का गीत गाने लगे।।मनोज तिवारी ने संदेश परक रचना पढ़ी ' बेमौत वेकफन मर गये जमाने में, फिर भी लोग जहर पीते हैं मयखाने में। आर के नारद अद्भुत और अलैकिक पावन धन्य छपिया धाम हैं। नारायण का स्वर्ग पुरी यह कंण कण में घनश्याम है। अरुण पाडेय ने काव्य पाठ किया। श्रोताओं ने जमकर कवियों का हौसलाअफजाई किया। तालियां बजा कर काव्य का रसास्वादन किया। संचालन स्वामी भक्ति नंदन दास ने किया।
बभनान गोंडा।भगवान् घनश्याम महाराज की जन्म स्थली स्वामिनारायण मंदिर में जन्म स्थान उद्घाटन महोत्सव के दूसरे दिन काव्य संध्या का भव्य आयोजन किया गया। कवियों ने अपनी कविताओं से सबका दिल जीत लिया।सम्मेलन की अध्यक्षता महंत ब्रम्हचारी स्वामी वासुदेवानंद जी महराज और संयोजन ब्रम्हचारी स्वामी हरिस्वरूपा नंद महाराज की। सम्मेलन की शुरुआत प्रसिद्ध साहित्यकार कवि सतीश आर्य ने अपने छन्दों से किया।उन्होंने मुक्तक पढा ' मधु स्नेह के रतन ये तुम्हारे नयन, जैसे सोने से अयन ये तुम्हारे नयन दृष्टि में है बसी वेद की हर ऋचा, जैसे काशी वृदांवन ये तुम्हारे नयन।। कवि चन्द्रगत कुमार ने अध्यात्म पर रचना पढ़ी ' जो वृक्ष अहिंसा का था स्वामी ने लगाया। आयेगा फल जरूर है स्वामी ने बताया।। युवा कवि सुधांशु गुप्त बसंत ने पवित्र छपिया धाम पर दोहा पढ़ा ' जिसके कण कण में बसे, वासुदेव घनश्याम। दुखियों के दुख को हरे, अपना छपिया धाम।। डॉ वी एन शर्मा ने समसामयिक रचना पढ़ी 'हे प्रभु भ्रष्ट मानव को वरदान दो हर ह्रदय प्रेम का गीत गाने लगे।।मनोज तिवारी ने संदेश परक रचना पढ़ी ' बेमौत वेकफन मर गये जमाने में, फिर भी लोग जहर पीते हैं मयखाने में। आर के नारद अद्भुत और अलैकिक पावन धन्य छपिया धाम हैं। नारायण का स्वर्ग पुरी यह कंण कण में घनश्याम है। अरुण पाडेय ने काव्य पाठ किया। श्रोताओं ने जमकर कवियों का हौसलाअफजाई किया। तालियां बजा कर काव्य का रसास्वादन किया। संचालन स्वामी भक्ति नंदन दास ने किया।
भगवान घनश्याम महराज की जन्मस्थली स्वामी नारायण छपिया मंदिर मे चल रहे जन्मस्थान महोत्सव मे वृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे 51 कुण्डीय विष्णु महायज्ञ महोत्सव स्थल पर बने मार्कण्डेय यज्ञशाला मे शुरू हुआ।महोत्सव मे उप्र के कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री व क्षेत्रीय विधायक प्रभात वर्मा शामिल हुये।कैबिनेट मंत्री व विधायक का महतं स्वामी वासुदेवानंद ने स्वागत किया ।कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री व क्षेत्रीय विधायक प्रभात वर्मा ने गुजरात से आये स्वामीनारायण सम्प्रदाय के भावी आचार्य धर्मकुल प0पू श्री 108 लालजी महराज व श्री लालीराजा श्री से आशिर्वाद प्राप्त किया।उन्होंने नवीन जन्मस्थली मंदिर मे भगवान घनश्याम का जन्मस्थान, भक्तिमाता की रसोई ,गौ माता की मूर्तियां, स्वर्ण सुकसैया(छप्पर पलंग ),स्वर्ण कलश,बड़ी कलश ध्वजदंड का व बाल स्वरूप घनश्याम महाराज का दर्शन किया ।इस अवसर पर स्वामी हरिस्वरूपानंद, अशोक सिंह, अभिमन्यु पटेल, रघुनंदन पाण्डेय ,उमेश पांडेय, फूलचंद श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे
महोत्सव मे बुधवार की रात्रि मे मंदिर के सामने पवित्र नारायण सरोवर की समूह आरती की गयी।नारायण सरोवर के आरती के मनोरम दृश्य को देखकर हरिभक्त गदगद हो गये।स्वामीनारायण, स्वामीनारायण के उदघोष से पूरा परिसर गुंजायमान हो गया ।नवीन जन्मस्थली मंदिर, सामने बना भव्य मंदिर, नारायण सरोवर, कथामंडप की सजावट हजारों की संख्या मे देश विदेश व क्षेत्रीय हरिभक्तों के आर्कषण का केंद्र बना हुआ है ।
भगवान् घनश्याम महाराज की जन्म स्थली स्वामिनारायण मंदिर में जन्म स्थान उद्घाटन महोत्सव के दूसरे दिन काव्य संध्या का भव्य आयोजन किया गया।सम्मेलन की अध्यक्षता महंत ब्रम्हचारी स्वामी वासुदेवानंद जी महराज और संयोजन ब्रम्हचारी स्वामी हरिस्वरूपानंद महाराज की। सम्मेलन की शुरुआत प्रसिद्ध साहित्यकार कवि सतीश आर्य ने अपने छन्दों से किया ' मधु स्नेह के रतन ये तुम्हारे नयन, जैसे सोने से अयन ये तुम्हारे नयन दृष्टि में है बसी वेद की हर ऋचा, जैसे काशी वृदांवन ये तुम्हारे नयन। कवि चन्द्रगत कुमार ने अध्यात्म पर रचना पढ़ी ' जो वृक्ष अहिंसा का था स्वामी ने लगाया, आयेगा फल जरूर है स्वामी ने बताया। युवा कवि सुधांशु गुप्त बसंत ने पवित्र छपिया धाम पर दोहा पढ़ा ' जिसके कण कण में बसे, वासुदेव घनश्याम। दुखियों के दुख को हरे, अपना छपिया धाम। डा वीएन शर्मा ने समसामयिक रचना पढ़ी 'हे प्रभु भ्रष्ट मानव को वरदान दो हर ह्रदय प्रेम का गीत गाने लगे।कवि मनोज तिवारी ने रचना पढ़ी ' बेमौत वेकफन मर गये जमाने में, फिर भी लोग जहर पीते हैं मयखाने में।कवि आरके नारद अद्भुत और अलैकिक पावन धन्य छपिया धाम हैं। नारायण का स्वर्ग पुरी यह कंण कण में घनश्याम है। श्रोताओं ने जमकर कवियों का हौसलाअफजाई किया।कवि सम्मेलन मे आये कवियों का महतं स्वामी वासुदेवानंद व स्वामी हरिस्वरूपानंद जी ने सम्मानित किया।
महोत्सव मे प्रसिद्ध भक्ति व लोकगीत गायक छपिया के ही निवासी शेनदत्त सिंह शान व गयालाल यादव तथा उनके टीम के कलाकारों ने स्वामीनारायण घनश्याम महाराज पर तमाम गीत,व झांकी की प्रस्तुति की।मनमोहक कार्यक्रम मे हजारों की संख्या मे उपस्थित श्रोतागण झूम उठे।
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