बहराइच। गोपाष्टमी पखवारा अन्तर्गत तहसील महसी के ग्राम पंचायत पिपरी मोहन में आयोजित पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु अरोग्य मेला/शिविर को सम्बोधित करते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. बलवन्त सिंह ने गौदुग्ध के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए गाय का दूध अत्यन्त उपयोगी है। उन्होंने आमजन से अपील की कि बच्चों को गाय के दूध विशेष कर देशी गाय के दूध का सेवन अवश्य करायें।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. बलवन्त सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार देशी गायों के संवर्द्धन एवं संरक्षण के प्रति दृढसंकल्पित है। देशी गायों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के प्रति लोगों में जागरूकता लाये जाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार के निर्देश पर प्रत्येक तहसील में पशु अरोग्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है। डा. सिंह ने बताया कि विभाग के कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों पर शाहीवाल, थारपारकर एवं हरियाणा प्रजाति के साड़ों का वीर्य उपलब्ध है।
डा. सिंह ने लोगों से अपील की कि आवश्यकता पड़ने पर गायों का शाहीवाल, थारपारकर एवं हरियाणा प्रजाति के साड़ों के वीर्य से ही कृत्रिम गर्भाधान करायें। जिससे कि देशी गायें, जो अच्छा दूध देती हैं, उनकी संख्या में बढ़ोत्तरी हो। उन्होंने यह भी बताया कि देशी गाय के दूध में विटामीन ए की मात्रा अधिक होती है जिससे गाय का दूध हल्का पीला होता है। गाय का दूध बच्चों के विकास के लिए बहुत ही आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि इस क्षेत्र की जलवायु बरबरी बकरी पालन के लिए काफी अनुकूल है, किसान बकरीपालन के द्वारा भी अपनी आय में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत पिपरी मोहन की ग्राम प्रधान चन्द्रावती ने गौ-पूजन कर पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु अरोग्य मेला/शिविर का शुभारम्भ किया। पशु अरोग्य शिविर में 105 बड़े पशुओं, 265 छोटे पशुओं का इलाज, 390 अरोग्य पशुओं को खुरपका मुंहपका का टीका, 05 पशुओं का गर्भ परीक्षण तथा 02 पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान किया गया है। अरोग्य शिविर में विषय वस्तु विशेषज्ञ द्वारा खान-पान टीकाकरण, इन्श्योरेन्स के बारे में जानकारी दी गयी।
इस मौके पर उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सदर डा. शिव कुमार रावत, महसी ओम प्रकाश, डा. नरेन्द्र गुप्ता, डा. राहुल गुप्ता, डा. अनिरूद्ध सिंह सहित तमाम पशुपालक उपस्थित रहे।
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