बहराइच। कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के जंगल से सटे मिहींपुरवा कस्बे के भगहर तालाब में पहुंचे तीन मगरमच्छों में से एक और मादा मगरमच्छ मछली पकड़ने वाले जाल में फंस गई। इसकी भनक पाकर वन महकमे की टीम मौके पर पहुंच गई। पकड़ी गई मादा मगरमच्छ को पुरई नाले में छोड़ दिया गया है। डीएफओ ने वनकर्मियों की टीम से अन्य मगरमच्छों को पकड़ने का भरोसा दिलाया है।
मोतीपुर थाने के मिहींपुरवा कस्बे के पास भगहर नाला है, जो कभी बूढ़ी नदी हुआ करती थी। नदी समय के साथ विलुप्त हो गयी। यह नाला मिहींपुरवा, परवानी गौढ़ी व कुड़वा ग्राम सभाओं की सीमा से लगा हुआ है। वर्तमान में तहसील प्रशासन की ओर से इस नाले में ग्रामीणों को मत्स्य पालन के लिए पट्टा आवंटित कर दिया गया है।
सोमवार की दोपहर जगदीश प्रसाद खटिक को आवंटित तालाब में मछली के शिकार के दौरान एक मादा मगरमच्छ जाल में फंस गई। उन्होंने खूंटे से जाल का सिरा बांध दिया। जिससे मगरमच्छ जाल सहित गहराई में न चली जाए। बीती 26 अक्टूबर को सुबह तालाब के किनारे पीपल के पास एक मादा मगरमच्छ को ग्रामीणों के सहयोग से पकड़ा गया था। भाजपा नेता योगेश प्रताप सिंह का कहना है कि लगता है कि दो मगरमच्छ और हैं। पहले तीन मगरमच्छ होने की आशंका जताई गई थी। वन महकमे की टीम दोपहर में तालाब पर पहुंची। वहां जाल में फंसे मादा मगरमच्छ को कब्जे में लेकर निशानगाड़ा रेंज के उरई नाले में ले जाकर छोड़ दिया गया है। डीएफओ ज्ञानप्रकाश सिंह ने बताया कि मादा मगरमच्छ की आयु लगभग आठ वर्ष प्रतीत हो रही है।
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