राकेश गिरी
बस्ती । साहित्यकार समाज के पथ प्रदर्शक होते हैं। वे रचनाओं के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों, चुनौतियों पर प्रहार के साथ ही नव निर्माण में योगदान करते हैं। यह विचार अपर जिलाधिकारी भगवान शरण पटेल ने प्रेस क्लब में डा. महमूद अली कृत काव्य संकलन ‘महकता भारत’ के विमोचन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
राष्ट्रोन्नति शिक्षा समिति, साहित्य, संस्कृति व कला विकास संस्थान गोटवा द्वारा आयोजित विमोचन समारोह में जिला अस्पताल के आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के. वर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप मंें कहा कि साहित्यकार समाज में मानवीय संवेदना को विस्तार देते हैं। डा. महमूद अली ने महकता भारत में जीवन के विविध सन्दर्भो को रचनात्मक स्वर दिया है।
कार्यक्रम को डा. एन.एन. श्रीवास्तव ‘बेचैन’ डा. हरिओम श्रीवास्तव, राजवंत सिंह, के.के. उपाध्याय आदि ने अपने विचार रखे। ‘महकता भारत’ के रचयिता डा. महमूद अली ने संकलन के कुछ कविताओ को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सत्येन्द्रनाथ मतवाला ने किया।
विमोचन के दूसरे सत्र में डा. रामकृष्ण लाल जगमग के संचालन में आयोजित काव्य पाठ में पं. चन्द्रबली मिश्र, डा. वी.के. वर्मा, डा. एन.एन. श्रीवास्तव ‘बेचैन’ आतिश सुल्तानपुरी, लालमणि प्रसाद, सागर गोरखपुरी, राममणि शुक्ल, रहमान अली रहमान आदि ने कविताओं के माध्यम से वर्तमान विसंगतियों को स्वर दिया। आभार ज्ञापन डा. आलोक रंजन ने किया।
कार्यक्रम में डा. वाहिद अली सिद्दीकी, प्रमोद तिवारी, दीपक प्रसाद, विपिन पाण्डेय, शिव कुमार पाण्डेय, अशोक सिंह, प्रखर पाण्डेय, इरफान खान, विजय श्रीवास्तव, काजी फैजान, मुस्तफा, पंकज श्रीवास्तव, दिनेश सिंह, ज्ञानदास चौधरी, दीन बंधु उपाध्याय, अमरेश चौधरी आदि उपस्थित रहे।
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