सत्येन्द्र खरे
कौशांबी : सराय अकिल थाना क्षेत्र के छेकवा गांव में 13 साल पहले गांव के ही एक युवक ने पड़ोसी के पुत्र का अपहरण कर लिया। उसके बाद पुत्र की चाह में एक तांत्रिक के पास ले जाकर उसकी बली दे दी। परिजनों की तहरीर के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर घटना की जांच के बाद आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। परिजनों को 13 साल की लंबी लड़ाई के बाद मंगलवार को न्याय मिला। अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय अनुपम कुमार ने आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए उसपर एक लाख दस हजार का अर्थदंड लगाया।
छेकवा निवासी कल्लू पाल पुत्र बंशीलाल के नौ वर्षीय पुत्र मुसई 20 फरवरी 2004 को अचानक घर से गायब हो गया। डेढ़ माह बाद गांव के बाहर एक नर कंकाल मिला। कल्लू की पत्नी ने इसकी पहचान अपने पुत्र मुसई के रूप में की। घटना को लेकर कल्लू ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि गांव के ही बच्चालाल की पत्नी को बच्चे पैदा होते, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उनकी मौत हो जाती है। इसको लेकर बच्चालाल ने अपने ससुर के कहने पर मुसई का अपहरण कर लिया। इसके साथ ही पनारा गोपालपुर गांव के तांत्रिक भइयालाल पासी के साथ मिलकर उसकी बली दे दी। पुलिस ने जांच के बाद बच्चालाल, रामजस व तांत्रिक भइयालाल के खिलाफ हत्या व अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके साथ ही चार्ज शीट न्यायालय में पेश किया। मामले की विचारण अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय की अदालत में चला। शासकीय अधिवक्ता घनश्याम कुमार ने वादी समेत कुछ नौ गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई। अभियोजन की ओर से शासकीय अधिवक्ता तीरथ सिंह व बचाव पक्ष के तर्कों को सुनने व पत्रावली में उपलब्ध साक्षों के अवलोकन के बाद न्यायालय ने आरोपी तांत्रिक भइयालाल पासी को उम्र कैद की सजा सुनाई। वहीं सह सह अभियुक्त बच्चालाल व रामजस की पहले ही मौत हो चुकी है। न्यायालय का फैसला आते ही कोर्ट मोहर्रिर सूर्य प्रकाश पाठक ने अभियुक्त का सजावी वारंट बनाकर सजा भुगतने के लिए कारागार भेज दिया।
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