अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर । देश में शिशु मृत्यु दर रोकने के लिए केंद्र व प्रदेश की सरकार काफी संवेदनशील हो चुकी है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम की मानिटरिंग कर रहे हैं जिसके अंतर्गत जीरो से 2 वर्ष तक के बच्चों को टीका लगाकर विभिन्न रोगों से बचाया जा सकता है । इस कार्यक्रम को गति प्रदान करने के लिए साघन मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम चलाया गया है जो 4 माह तक निरंतर चलेगा । अक्टूबर 2017 से प्रारंभ होकर यह कार्यक्रम जनवरी 2018 तक जारी रहेगा । इसके तहत माह के 7 तारीख से 7 कार्य दिवसों में विशेष अभियान चलाकर डोर-टू-डोर टीकाकरण किया जाएगा ।
प्रेस वार्ता के दौरान इस बात की जानकारी देते हुए जिला अधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिशन इंद्रधनुष को लेकर काफी संवेदनशील हैं और वह इस कार्यक्रम का स्वयं मानिटरिंग भी कर रहे हैं । इसका मुख्य उद्देश्य शिशु मृत्यु दर को कम करना है । मिशन इंद्रधनुष में नौ प्रकार के टीके लगाए जाते हैं जो नौ जानलेवा बीमारियों से बच्चों को बचाते हैं । उन्होंने बताया कि जिन बीमारियों के टीके लगाए जाने हैं उनमें टीवी, काली खांसी, गला घोटू, टिटनेस, हिब, हेपाटाइटिस बी, खसरा, न्यूमोनिया, दिमागी बुखार और पोलियो के टीके शामिल हैं । उन्होंने जानकारी दी कि देश में कुल 118 जिले कैसे हैं जहां पर शिशु मृत्यु दर ज्यादा है और उनमें जनपद बलरामपुर भी शामिल है । अकेले उत्तर प्रदेश में 52 जिले हैं तथा 8 अर्बन क्षेत्र हैं जहां पर मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के क्रियान्वयन का प्रतिशत काफी कम है । ऐसे जिलों के लिए विशेष रूप से सघन मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम चालू किया गया है । चार माह तक लगातार इन टीकों को लगाया जाएगा तथा प्रत्येक माह के सात कार्य दिवसों में डोर टू डोर जाकर स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ता टीकाकरण करेंगे । इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अलावा शिक्षा, विकास, पंचायती राज, महिला एवं बाल विकास विभाग, यूथ अफेयर्स मंत्रालय, सेना मंत्रालय, एनसीसी, एनएसएस व स्वयं सेवकों का भी सहयोग लिया जाएगा । किसी भी हालत में इस कार्यक्रम को सफल बनाना होगा । उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से भी कहा कि वह कागजों से नीचे उतरे और धरातल पर कार्यक्रम दिखाई दे इसके लिए पूरी ईमानदारी से जुड़ जाएं । प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉक्टर ए के सिंघल, डॉक्टर एसडी भारती व डॉक्टर ए के पांडे सहित स्वास्थ्य विभाग के तमाम अधिकारी व डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि मौजूद थे ।
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