रिपोर्ट:- ताजुल हुसैन
कैसरगंज (बहराइच)। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपात्रों को आवास दिए जाने के संबंध में जनपद बहराइच के विकासखंड कैसरगंज के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत नौगइयां को प्रथम स्थान मिलना चाहिए, क्योंकि यहां पर ग्रामीणों के शिकायत के पश्चात भी विकासखंड कैसरगंज के अधिकारियों ने जांच के नाम पर मात्र छलावा ही किया है हमारी समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर अधिकारियों को क्यों नहीं दिखते हैं अपात्रों के पक्के आवास, जबकि ग्रामीणों को भी दिखाई पड़ते हैं और रिपोर्टर के कैमरे को भी, वैसे यहां पर ग्रामीणों द्वारा तहसील दिवस कैसरगंज में प्रार्थना पत्र देकर स्थलीय जांच की मांग की थी।
बताते चलें कि ग्राम पंचायत नौगइयां में ग्राम पंचायत अधिकारी मगनबिहारी द्वारा शासनादेश का घोर उल्लंघन करते हुए कई अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्गत किया गया है। कैसरगंज विकासखंड के अधिकारियों ने ग्राम पंचायत में जिस प्रकार से प्रधानमंत्री आवास योजना की जांच
की है सच्चाई तो यह है कि जांच करने वालेे अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए। प्रधानमंत्री आवास में दिखावे के नाम पर अपात्र लोगों की जांच तो कई बार की गई है। लेकिन नतीजा बस वही निकला ढाक के तीन पात, क्योंकि अच्छी कीमत वही देते हैं जिनके घर पहले से पक्के होते हैं निष्पक्ष जांच तभी संभव है जब जांच किसी अन्य विभाग के ईमानदार अधिकारियों की टीम बनाकर कराई जायेगी। क्योंकि यहां यदि पिता का पक्का मकान बना हुआ है और वह जीवित है तथा उसके पुत्र की शादी नहीं हुई है तब भी उसको अलग दिखाकर प्रधानमंत्री आवास निर्गत का दिया गया है। इस ग्राम पंचायत का तो यह हाल है कि यदि राजा साहब का नाम भी प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में है तो उन्हें भी आवास दे दिया गया है।
उदाहरण के लिए बताते चलें कि पुद्दन पुत्र भगौती मोहल्ला बाजार पुरवा, राम चन्दर पुत्र खेलावन मोहल्ला बाजार पुरवा, अवधराम पुत्र लालता मोहल्ला कोनिया, अखिलेश व रवींद्र पुत्र गण सतीश मोहल्ला शाहनपुरवा तथा ओमप्रकाश पुत्र कृष्णानन्द मोहल्ला सहायपुरवा आदि ऐसे कई नाम हैं जो अपात्र हैं और उन्हें प्रधानमंत्री आवास दिया गया है। पाठको व अधिकारियों की जानकारी के लिए ओम प्रकाश पुत्र कृष्णानंद के मकान का फोटो प्रकाशित कर रहा हूं जो कि पहले से बना हुआ है।
ऐसे में पात्र व्यक्तियों को आवास न मिलने के कारण तथा उनका नाम पात्रता सूची में न होने से जनता में काफी रोष व्याप्त है जिन लोगों को आवास दिए गए हैं उनके मकान जो पहले से पक्के बने हुए हैं उन मकानों की फोटो देखकर आपको स्वयं एहसास हो जाएगा कि क्या यह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र व्यक्ति हैं या नहीं हैं। इस प्रकार की असंवैधानिक एवं वित्तीय अनियमितताओं की प्रक्रिया को रोकने के लिए श्रीमान जिलाधिकारी बहराइच से अपेक्षा है।
क्योंकि ऐसे ही ग्राम पंचायत अधिकारियों ने सरकार को बदनाम कर रखा है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे दोषी एवं दिशाहीन अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही किए जाने की आवश्यकता है। जिससे भविष्य में कभी भी इस प्रकार की पुनरावृत्ति दोहराई ना जा सके।
कैसरगंज (बहराइच)। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपात्रों को आवास दिए जाने के संबंध में जनपद बहराइच के विकासखंड कैसरगंज के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत नौगइयां को प्रथम स्थान मिलना चाहिए, क्योंकि यहां पर ग्रामीणों के शिकायत के पश्चात भी विकासखंड कैसरगंज के अधिकारियों ने जांच के नाम पर मात्र छलावा ही किया है हमारी समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर अधिकारियों को क्यों नहीं दिखते हैं अपात्रों के पक्के आवास, जबकि ग्रामीणों को भी दिखाई पड़ते हैं और रिपोर्टर के कैमरे को भी, वैसे यहां पर ग्रामीणों द्वारा तहसील दिवस कैसरगंज में प्रार्थना पत्र देकर स्थलीय जांच की मांग की थी।
बताते चलें कि ग्राम पंचायत नौगइयां में ग्राम पंचायत अधिकारी मगनबिहारी द्वारा शासनादेश का घोर उल्लंघन करते हुए कई अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्गत किया गया है। कैसरगंज विकासखंड के अधिकारियों ने ग्राम पंचायत में जिस प्रकार से प्रधानमंत्री आवास योजना की जांच
की है सच्चाई तो यह है कि जांच करने वालेे अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए। प्रधानमंत्री आवास में दिखावे के नाम पर अपात्र लोगों की जांच तो कई बार की गई है। लेकिन नतीजा बस वही निकला ढाक के तीन पात, क्योंकि अच्छी कीमत वही देते हैं जिनके घर पहले से पक्के होते हैं निष्पक्ष जांच तभी संभव है जब जांच किसी अन्य विभाग के ईमानदार अधिकारियों की टीम बनाकर कराई जायेगी। क्योंकि यहां यदि पिता का पक्का मकान बना हुआ है और वह जीवित है तथा उसके पुत्र की शादी नहीं हुई है तब भी उसको अलग दिखाकर प्रधानमंत्री आवास निर्गत का दिया गया है। इस ग्राम पंचायत का तो यह हाल है कि यदि राजा साहब का नाम भी प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में है तो उन्हें भी आवास दे दिया गया है।
उदाहरण के लिए बताते चलें कि पुद्दन पुत्र भगौती मोहल्ला बाजार पुरवा, राम चन्दर पुत्र खेलावन मोहल्ला बाजार पुरवा, अवधराम पुत्र लालता मोहल्ला कोनिया, अखिलेश व रवींद्र पुत्र गण सतीश मोहल्ला शाहनपुरवा तथा ओमप्रकाश पुत्र कृष्णानन्द मोहल्ला सहायपुरवा आदि ऐसे कई नाम हैं जो अपात्र हैं और उन्हें प्रधानमंत्री आवास दिया गया है। पाठको व अधिकारियों की जानकारी के लिए ओम प्रकाश पुत्र कृष्णानंद के मकान का फोटो प्रकाशित कर रहा हूं जो कि पहले से बना हुआ है।
ऐसे में पात्र व्यक्तियों को आवास न मिलने के कारण तथा उनका नाम पात्रता सूची में न होने से जनता में काफी रोष व्याप्त है जिन लोगों को आवास दिए गए हैं उनके मकान जो पहले से पक्के बने हुए हैं उन मकानों की फोटो देखकर आपको स्वयं एहसास हो जाएगा कि क्या यह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र व्यक्ति हैं या नहीं हैं। इस प्रकार की असंवैधानिक एवं वित्तीय अनियमितताओं की प्रक्रिया को रोकने के लिए श्रीमान जिलाधिकारी बहराइच से अपेक्षा है।
क्योंकि ऐसे ही ग्राम पंचायत अधिकारियों ने सरकार को बदनाम कर रखा है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे दोषी एवं दिशाहीन अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही किए जाने की आवश्यकता है। जिससे भविष्य में कभी भी इस प्रकार की पुनरावृत्ति दोहराई ना जा सके।
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