बहराइच। प्रदेश के तराई क्षेत्र में बसे जनपद बहराइच में दुधुवा नेशनल पार्क की एक इकाई के रूप में जाना जाने वाला कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी के ककरहा रेंज में मधवापुर गांव निवासी एक ग्रामीण के अहाते में घुसे तेंदुए ने बछड़े को खेत में ले जाकर निवाला बना लिया। सूचना पाकर वनरक्षक घटनास्थल का निरीक्षण करने पहुंचे। बाघ और तेंदुओं के हमले से नाराज ग्रामीणों ने वनरक्षक को बंधक बना लिया। इससे अफरातफरी मच गई। मौके पर डायल 100 के सिपाहियों के पहुंचने पर वनरक्षक बंधक मुक्त हो सका। मालूम हो कि एक हफ्ते पहले ही बछड़े का जन्म हुआ था। ग्रामीण हमलों से काफी परेशान हैं।
कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र में जंगल से सटे गांवों में बाघ और तेंदुओं के हमले बढ़ गए हैं। ककरहा रेंज अंतर्गत मधवापुर गांव निवासी बैठू लोनिया का बछड़ा अहाते में बंधा हुआ था। शनिवार रात 11 बजे के आसपास जंगल से निकलकर आए तेंदुए ने उसे इतवारी के खेत में ले जाकर निवाला बना लिया।सुबह बैठू बछड़े की तलाश में खेत की तरफ जा रहा था। तभी उसे क्षत-विक्षत शव दिखायी दिया। इस पर सूचना रेंज कार्यालय पर दी गई। वन क्षेत्राधिकारी विकास कुमार अस्थाना ने वनरक्षक अवध नरायन शुक्ला गांव भेजा। वनरक्षक के गांव पहुंचते ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। इसी बीच कुछ ग्रामीणों ने सूचना डायल 100 के सिपाहियों को दी। पुलिस टीम गांव पहुंच गई। इस पर ग्रामीण वनरक्षक को छोड़कर भाग गए।
कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र में जंगल से सटे गांवों में बाघ और तेंदुओं के हमले बढ़ गए हैं। ककरहा रेंज अंतर्गत मधवापुर गांव निवासी बैठू लोनिया का बछड़ा अहाते में बंधा हुआ था। शनिवार रात 11 बजे के आसपास जंगल से निकलकर आए तेंदुए ने उसे इतवारी के खेत में ले जाकर निवाला बना लिया।सुबह बैठू बछड़े की तलाश में खेत की तरफ जा रहा था। तभी उसे क्षत-विक्षत शव दिखायी दिया। इस पर सूचना रेंज कार्यालय पर दी गई। वन क्षेत्राधिकारी विकास कुमार अस्थाना ने वनरक्षक अवध नरायन शुक्ला गांव भेजा। वनरक्षक के गांव पहुंचते ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। इसी बीच कुछ ग्रामीणों ने सूचना डायल 100 के सिपाहियों को दी। पुलिस टीम गांव पहुंच गई। इस पर ग्रामीण वनरक्षक को छोड़कर भाग गए।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ