गोण्डा। प्रशासन के सख्ती और दोनों सम्प्रदायों के बात चीत से एक ही दिन ताजिया और दुर्गा मूर्ति विसर्जन के ऐतिहासिक निर्णय मुस्लिम सम्प्रदाय ने लेते हुए दूसरे दिन 2 अक्टूबर को ताजिया दफन का निर्णय लिया है। वही आज सातवी का जलूस भी मुख्यालय के अतिसंवेदनसील नुरामल मंदिर के सामने से दोपहर 3 बजे ही डीएम एसपी के मौजूदगी में शांति पूर्ण ढंग से पास हो गया। जिससे प्रशासन ने राहत की सांस ली है। जिलाधिकारी जेबी सिंह और पुलिस अधीक्षक उमेश सिंह ने बताया यह कार्य दोनों सम्प्रदायों के सहयोग से सम्पन्न हुआ है और इसी तरह दुर्गा प्रतिमा और मोहर्रम का जलूस भी शांति पूर्व ढंग से सम्पन्न होगा। हलांकि जिले का कटरा बाजार कर्नेलगंज और नगर कोतवाली दुर्गा प्रतिमा विसर्जन व मोहर्रम के जुलूस के लिए अतिसंवेदनशील रहता है जिसके कारण नगर कोतवाली क्षेत्र के नूरामल मंदिर जहाँ वर्ष 1973 में दंगा हो गया था जिसमें एक दो की मौत हो गयी थी तब से नूरामल मंदिर प्रत्येक वर्ष अति संवेदनशील रहता है। इसके अलावा पीपल तिराहा एकता चैराहा, भरत मिलाप चैराहा संवेदनशील रहता है। जहाँ भारी मात्रा में पुलिस एवं सुरक्षा व्यवस्था की तैनाती होती है।
किस त्योहार के लिए कौन अति संवेदीनशील
नगर कोतवाली के अन्तर्गत दुर्गा प्रतिमा जुलूस के लिए उतरौला रोड की डिप्टी मस्जिद व एकता चैराहा, कर्नेलगंज कस्बा व कटरा बाजार अति संवेदनशील रहता है। जिसमें एकता चैराहे पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के मौजूदगी में विसर्जन होता है। कर्नेलगंज और कटरा बाजार में दूसरे दिन विसर्जन होता है। जबकि ताजिया और सातवीं जुलूस के लिए नगर कोतवाली का नूरामल मंदिर, पीपल तिराहा, कटरा व कर्नेलगंज अति संवेदनशील होता है। इसमें नूरामल मंदिर पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के मौजूदगी में ताजिया और मोहर्रम का जुलूस निकलता है।
वहीं कटरा और कर्नेलगंज में दुर्गा प्रतिमा का जुलूस दूसरे दिन विसर्जन होता हे। इस बार दोनों सम्प्रदायों का विसर्जन एक अक्टूबर को होना था जिसमें मुस्लिम सम्प्रदाय ने नगर कोतवाली कटरा और कर्नेलगंज में 2 अक्टूबर मोहर्रम जुलूस निकालने का निर्णय लिया है।
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