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फैजाबाद : शराबी का आतंक , अपना सम्मान बचाने पर लोग मजबूर


अमरजीत सिंह 
फैजाबाद :मवई थाना क्षेत्र के गांव सुनबा के बहबरा चौराहे १३ सितम्बर को जिस शराबी ने सम्मानित तबके के लोगो गालियां देकर बेइज्जत कर रहा था और जिसके आतंक से सुनबा के सम्मानित लोग सम्मान बचा पाने को मजबूर हैं समाचार के माध्यम से उसकी असिलियत जानते हैं  इस युवक का नाम जगमोहन है राजनीति मे इसकी कितनी ऊंची पकड इसका अंदाजा लगाया जाना कठिन है बताते हैं पिछली सपा सरकार मे भी इसकी पकड अच्छी थी और इस सरकार मे भी वही हाल है इस युवक के पास कोई काम धंधा नही है इसका पेशा दलाली व चमचागिरी है इसके भाई वपिता मजदूरी कर इसे आजाद घुमा रहे हैं इसकी मा बहन भी इसी के कहने पर चलती हैं यह ब्कति रात मे जागता दिन मे सोता हैऔर सांयकाल मे अक्सर शराब के नशे मे रहता है खेती आदि भी पर्याप्त नही है की जिससे इसका गुजारा हो सके  जिससे इसकी कार्यशैलियों पर संदेह होता है बताते चलें की इसका घर खलियान की आरछित जमीन पर बना है अनेक शिकायतें हुई किंतु कोई कार्यवाई नही हुई यह ब्यकित क्या करता इसकी आय का क्या जरिया है इसके संबंध मे भी सिकायत हुई किंतु सिकायत कर्ता से कोई पूछने तक नही आया की सिकायत क्यों हो रही है पिछले वर्ष इसी महीने मे इस युवक ने अपनी सगी चाची के पुराने मकान मे रात लगभग ग्यारह बजे आग लदा दिया जो इसकी विधवा चाची का पुराना व छप्पर युक्त मकान था दरअसल ये रोड किनारे की जमीन का मामला है चिंगी और चैतू दो सगे भाई थे जिसमे छोटे चैतू का करीब दो वर्ष पहले निधन हो गया था चैतू के बेटी नौ वर्षीय सलोनी है दूसरी मा के पेट मे ही थी की चैतू का निधन होगया अब जगमोहन के मन मे आया की यदि उसकी चाची कहीं चली जाये तो सारी सम्पत्ति उसी की हो जायेगी इसलिये वह विधवा को सताने लगा इसी बीच विधवा के मकान एक कमरे मे एक चिकित्सक किराये पर रहने लगा लडाई की नीयत से जगमोहन विधवा केपुराने मकान के सामने जेसीबी से गड्ढा खोदवा कर अपना सहन पाटने लगा विधवा बेचारी मौके पर गयी तो मारने की नीयत से दौडा लिया बेचारी जान बचाकर पुलिस की शरण गयी सुनवाई न होने परमकान मे रह रहे चिकित्सक के माध्यम से उप जिलाधिकारी के यहां गयी तब एक विधवा की सुनवई हुई इसके ठीक एक माह बाद उक्त अग्निकांड कर जगमोहन अपनी को अगुवा बना कर बेचारे चिकित्सक को फंसाने की पूरी कोशिस किया उधर विधवा की पैरबी पर मा. न्यायालय के आदेश पर मुकदमा अपराध संख्या ३४४/२०१७ दर्ज हुआ लेकिन पुलिस विभाग ने विधवा की नही सुनी और फायनल रिपोर्ट लगा दिया  उसी घटना का मुकदमा जगमोहन की मां की ओर से चिकित्सक व उसके भाईयों पर भी दर्ज हुआ जिसमे चिकित्सक के लाखों रुपये बर्वाद हुये चिकित्सक की ओर से जिन लोगों ने गवाही दिया था कि जला हुआ मकान उक्त जगमोहन की चाची कुश्मा का है अब जगमोहन उन गवाहों के पीछे पड गया है इसी कारण से वह शराब के नशे मे होकर ठाकुर बिकादरी को गालि़ां दे कर बेइज्जत करता है  मवई थाना छेत्र के सुनबा गांव के ठाकुर बिरादरी के लोगों का सम्मान ही मिट गया सिकायत पर पुलिस भ कुछ नही करती अब जगमोहन की बहन व मा द्वारा ठाकुर बिरादरी पर छेड छाड आदि ता झूठा मुकदमा दर्ज कराने की कहानी रची जा रही है जगमोहन कभी पुलिस के सामने नही आतहै  अपनी मा व बहन तथा दोनो पत्नियों को ढाल बनाकर पुलिस के सामने ढाल बनाकर पेश कर देता है जिससे सच्चाई झूंठ साबित हो जाती है ये उसकी सफलता का सबसे बडा राज है इस झूठ के सहारे कब तक जगमोहन गांव के सम्मानित लोगो कों बेइज्जत करता रहेगा कोई पता नही है फिलहाल सुनबा गांव मे जगमोहन का राज चल रहा है
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