सत्येन्द्र खरे
कौशाम्बी के दारानगर में आयोजित होने वाली रामलीला का कुप्पी युद्ध आज भी अपना स्वरुप कायम किये हुए है| इस युद्ध में राम- रावण दल की सेनाये वास्तविक युद्ध करती है| जिसे देखने के लिए आसपास के इलाके से बड़ी तादात में लोग जमा होते है| यहाँ की राम लीला अनवरत 238 वर्षो से बिना किसी बाधा के परंपरा अनुसार होती चली आ रही है | कुप्पी युद्ध का रोमांच ही ऐसा होता है की इसे देखने के लिए दर्शक खुद ब खुद मैदान में खिचे चले आते है| दो दिवसीय कुप्पी युद्ध में पहले दिन रावण की सेना की जीत होती है तो दूसरे दिन राम की सेना असत्य पर सत्य की जीत का विजय पर्व मानती है|
वीडियो: राम रावण की सेना का युद्व
यह द्रश्य देखकर यह मत सोचियेगा की किसी झगडे का द्रश्य होगा| बल्कि यह द्रश्य है दारानगर में आयोजित होने वाली कुप्पी युद्ध का है| जिसमे राम और रावण की दो सेनाये आमने -सामने होती है| भगवान राम की सेना लाल और रावन की सेना काले कपडे मैं होती है| आमना सामना होने पर दोनों सेनाओ के बीच प्लास्टिक की कुप्पी से युद्ध होता है| आयोजकों के सिटी बजाते ही राम व रावण दोनों ही दल के सेनानी जिस तरह एक दूसरे पर टूट पड़ते है उसे देख कर दर्शक रोमांच से भर उठते है|
दारानगर की रामलीला में कुप्पी युद्ध के लिए दो दिन में 7 लड़ाई दोनों दलों के बीच होती है| पहले दिन चार चरणों में लड़ाई होती है| पहले दिन की चारों लड़ाईरावण की सेना जीतती है| दूसरे दिन तीन लड़ाई होती है| यह तीनो लड़ाई जीत कर राम की सेना विजय पर्व विजय दशमी मानती है| दोनों दिन के सभी साथ युद्ध दस-दस मिनट के होते है| राम व रावण दोनों ही दल में 20 -20 सेनानी होते है| युद्ध इतना विकराल होता है की देखने वालो के रोंगटे खड़े हो जाते है| युद्ध में सेनानी घायल भी हो जाते है| लेकिन रण भूमि की मिटटी ही इनके लिए दवा का काम करती है| सेनानी बताते है की युद्ध में शामिल होना उनके लिए गौरव की बात है| दर्शक भी इस कुप्पी युद्ध को देखकर रोमांच से भर उठते है।
मेला आयोजक इस युध्द को सजीव करने के लिए महीनो मेहनत करते है| महीनो पहले से तैयारी शुरू हो जाती है| बल्लियों से घिरे बड़े मैदान में युध्द के दौरान दोनों दल की सेना इस कदर बेकाबू हो जाती है उन्हें सम्हालना आयोजकों के लिए कभी कभी मुश्किल हो जाता है| एक कुप्पी युद्ध के सम्पन्न होने पर मेघनाथ वध और कुम्भकर्ण वध की भी लीलाये होती है. | दारानगर की रामलीला का इतिहास 238 वर्ष पुराना है यहाँ जैसा कुप्पी युद्ध कही और नही होता | सबसे ख़ास बात यह है कि भले ही पूरी दुनिया में रावण का दहन दसमी में दिन होता हो , लेकिन कौशाम्बी में रावण का दहन एकादशी को होता है |
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