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हिन्दी मॉ भारत की विन्दी, आशा नव बिखराए •••••


हिन्दी पखवारे पर आयोजित हुई काव्य गोष्ठी 
शिवेश शुक्ला 
प्रतापगढ । सृजना साहित्यिक संस्था द्वारा मनाए जा रहे हिन्दी पखवारे के अंर्तगत काव्य गोष्ठी का आयोजन कलेक्टे्ट परिसर में डॉ दयाराम मौर्य रत्न की अध्यक्षता में हुई । मुख्य अतिथि के रूप में पं• श्याम नारायण मिश्र " श्याम " रहे ।तत्पश्चात वारिष्ठ कवि - साहित्यकार पं श्याम नारायण मिश्र ने हिन्दी भाषा के माहात्य पर अपनी रचना - " हिन्दी मॉ भारत की विन्दी, आशा नव विखराए " पढकर वाह वाही लूटी । इस मौके पर प्रेम कुमार त्रिपाठी " प्रेम " ने " अावा हिन्दी दिवस मनाई, इग्लिश मा हिन्दी में समझाई, "। पढी । इसीक्रम में वारिष्ठ साहित्यकार - कवि डॉ दयाराम मौर्य रत्न ने " रोम- रोम झंक्रत होता है अभिसिंचित हो जाता तन, उर - अन्तर्मन की हे भाषा हिन्दी तुम्हे नमन है ।।पढ कर ऊचाई प्रदान की ।इस मौके पर युवा  कवि शिवेश शुक्ल ने मोहब्बत पर रचना पढी -" उसको लफ्जे मोहब्बत सिखाता रहा, नज्म ओ लिखती धुन मै बनाता रहा "।। इसी क्रम में सालिकराम मौर्य, कवि सत्येन्द्र नाथ मृदुल, अखिल नारायण सिह, रूद्र नारायण मिश्र, शक्तेन्द्र द्विवेदी, रामअवध आदि ने रचनाए पढी और अपने विचार व्यक्त किए ।

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