अमरजीत सिंह
फैजाबाद: प्रशासन द्वारा आम जनता की सुविधा के लिए बनाए सार्वजनिक सुलभ शौचालय नगर परिषद कर्मचारियों की लापरवाही के चलते अब मात्र शोपीस बनकर रह गए हैं । उक्त शौचालयों के आसपास व्याप्त गंदगी के ढेर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वछता अभियान को मुंह चिढ़ा रहे हैं ।
खुले में शौच का जितना बुरा हाल गांवों में है, नगर क्षेत्र में भी हालात कम बदतर नहीं हैं । सरकार गांवों में शौचालय निर्माण पर पूरा जोर दे रही है, लेकिन शहरी इलाकों में कोई ठोस नीति न होने से सार्वजनिक सुलभ शौचालय की कमी हर किसी को परेशान करती है । खासकर बाजार गई महिलाओं को यह कमी ज्यादा अखरती है । रुदौली नगर की घनी आबादी के बीच बाजारों में महिलाओं को आए दिन इस परेशानी से दो चार होना पड़ता है । जहां कहीं सार्वजनिक सुलभ शौचालय हैं भी, वहां सफाई व्यवस्था न होने से नर्क जैसी स्थिति है । एक लाख से अधिक आबादी व 25 वार्डों वाली नगर पालिका क्षेत्र के मोहल्ला काशीपुर, कटरा व कजियाना में सार्वजनिक सुलभ शौचालय है जिसकी हालत बदतर होने से कोई जाना पसंद नहीं करता है । सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह है कि नगर क्षेत्र में इस समस्या के समाधान की बात न तो कोई जनप्रतिनिधि कर रहा है और न ही कोई समाजसेवी । नगर क्षेत्र में बाहर से आने वाली महिलाओं को लघुशंका व दीर्घशंका करने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । लोगों को मजबूरी में खुले मे शौच के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है, इस संबंध में कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई । महिलाओं का दर्द नहीं समझ रहा है । – मोहल्ला कायस्थाना निवासी सपना तिवारी कहती हैं कि बाहर से आने वाली महिलाओं को भारी परेशानी जब मार्केट में जाती हैं और उन्हें लघुशंका लगती है तो उन्हें मजबूरी में शर्मसार होकर खुले में ही लघुशंका करने को मजबूर होना पड़ता है । महिलाओं की इस विषम समस्या के समाधान की आवाज कोई नहीं उठा रहा है । प्रशासन द्वारा वार्ड कजियाना में सार्वजनिक सुलभ शौचालय का निर्माण कराने के बाद उसके रखरखाव पर ध्यान देना भूल गया जिसकी हालत जर्जर हो गई है । सफाई कर्मचारियों ने उक्त स्थान को गंदगी डालने का स्थान बना दिया है, जिसके कारण अब उक्त शौचालय केवल गंदगी के ढेर बन कर रह गए हैं । इन शौचालयों के आसपास पूरा दिन सूअर व अन्य आवारा पशु विचरण करते रहते हैं । एक ओर प्रधानमंत्री मोदी देश को शौचालय मुक्त करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन पालिका के लापरवाह सफाई कर्मचारी मोदी के इस अभियान को पलीता लगाने में जुटे हुए हैं।
आसपास के घरों में रहने वाले लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा लाखों रुपए की लागत से सार्वजनिक सुलभ शौचालयों का निर्माण तो करा दिया गया है लेकिन पानी और उनके रखरखाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
इस बारे में पालिका के अधिशाषी अधिकारी से दूरभाष से संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन फोन रसीव नहीं हुआ
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