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प्रतापगढ़:तेज हुई प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की गहमागहमी


दोनों पक्षो की ओर से जोर आजमाईश, बीडीसी लगा रहे सुरक्षा की गुहार
बीडीओ के साथ अभ्रदता के मामले मे जांच पूरी, कार्रवाई अधर मे

लालगंज / प्रतापगढ़। आगामी बीस सितम्बर को लालगंज विकासखण्ड मे होने वाले प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की घड़ी ज्यों-ज्यों नजदीक आती जा रही है। दोनो पक्षो मे गहमागहमी का माहौल भी सिर चढ़ने लगा है। प्रमुख पद के चुनाव मे इस बार रमेश प्रताप सिंह ने मामूली मतों के अंतर से सुरेन्द्र सिंह को मात दी थी। इधर अधिकांश क्षेत्र पंचायत सदस्यों का आरोप है कि उनके गांवो मे ब्लाक से विकास की जो भी प्रस्ताव उनके द्वारा सौपें गये थे उस पर कार्य नगण्य है। ऐसी स्थिति मे ज्यादातर खफा बीडीसी सदस्यों ने रमेश प्रताप सिंह को पदच्युत करने के लिये अविश्वास लाये जाने पर सहमति जतायी। प्रमुख रमेश प्रताप सिंह की कार्यशैली और ब्लाक परिसर मे उनके साथ कतिपय असलहाधारियों की मौजूदगी से बीडीसी सदस्यों का असंतोष और बढ़ गया है। और तो और बीती चैबीस अगस्त को ब्लाक प्रमुख ने क्षेत्र पंचायत समिति की बैठक बुलाई और अचानक बीडीओ के हाथ से रजिस्टर छीनकर सदस्यों के हस्ताक्षर कराने लगे। मात्र सात सदस्यो ने ही कार्यवाही पंजिका पर हस्ताक्षर बनाये और ज्यादातर सदस्य बहिष्कार कर गये। इससे खफा प्रमुख पर आरोप है कि उन्होने बीडीओ समेत कर्मचारियों के साथ अभ्रदता शुरू कर दी। प्रमुख के द्वारा ब्लाक कर्मियों के साथ अभ्रदता किये जाने की सूचना बीडीओ ने लिखित रूप से डीएम को दे दी। मामला डीएम से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक आ पहुंचा। पूरे घटनाक्रम की जांच के लिये परियोजना निदेशक भी ब्लाक मुख्यालय पहुंचे और जांच की कार्रवाई पूरी कर रिर्पोट बीडीओ को भेज रखी है। इस बीच बीडीसी सदस्यों ने सामूहिक रूप से डीएम के समक्ष उपस्थित होकर प्रमुख के खिलाफ अविश्वास लाये जाने का अपना सामूहिक पत्र भी सौंप दिया। इस पर डीएम ने बीस सितम्बर को यहां अविश्वास प्रस्ताव पर कार्रवाई के लिये तिथि मुकर्रर कर दी। कहा जाता है कि अविश्वास प्रस्ताव की तारीख तय होने के बाद प्रमुख रमेश प्रताप सिंह का खेमा भड़क गया है। गौरतलब है कि रमेश प्रताप जब प्रमुख चुने गये थे तब वह सपा मे थे और विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होनें भाजपा का दामन थाम लिया। इधर जहां रमेश प्रताप सिंह सत्ता की हनक को दिखाकर बीडीसी सदस्यो को डरा धमका रहे है। वहीं दूसरा खेमा ददन सिंह तथा केडी मिश्र एवं सूबेदार देवेन्द्र सिंह की अगुवाई मे अविश्वास प्रस्ताव को पारित कराने के लिये कमर कस चुका हैं। बीडीसी सदस्यों ने मंगलवार को जहां जिला मुख्यालय पहंुचकर जिलाधिकारी को सामूहिक ज्ञापन सौंपकर फिर अपनी सुरक्षा की गुहार की। वहंीं हाल ही मे निर्वाचन क्षेत्र मे आई विधायक आराधना मिश्रा मोना तथा राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी से भी मिलने उनके लालगंज स्थित कैम्प कार्यालय पहुंच गये। बीडीसी सदस्यो ने सांसद प्रमोद तिवारी एवं विधायक आराधना मिश्रा मोना से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई और हक की लड़ाई मे समर्थन की मांग की। हालांकि सांसद प्रमोद तिवारी एवं विधायक आराधना मिश्रा मोना ने बीडीसी सदस्यों को उनके साथ नाइंसाफी न होने और हर कीमत पर सुरक्षा का पुख्ता भरोसा दे रखा है। दूसरी ओर प्रमुख रमेश प्रताप सिंह के साथ सांसद हरिवंश सिंह के समर्थन की बात जरूर कही जा रही है। बुधवार को भी बीडीसी के ज्यादातर सदस्यों ने जिला प्रशासन से अविश्वास प्रस्ताव के दिन अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता प्रकट की है। इधर अफसरों ने भी फिलहाल अभी से ही बीस सितम्बर के ब्लाक मुख्यालय पर होने वाले सियासी जंग को लेकर शांति एवं व्यवस्था के बाबत पुख्ता प्रबन्ध की रणनीति अंदर ही अंदर बनानी शुरू कर दी है। पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक सभी बीडीसी सदस्यों को पर्याप्त सुरक्षा दी जाएगी। बुधवार को ब्लाक मुख्यालय पर एक और सियासी सगूफा सरगर्मी मे रहा। कुछ सियासतबाज अभी बीस सितम्बर को अविश्वास प्रस्ताव पर कार्रवाई की तारीख बढ़ने का भी अंदेशा लगा रहे है। सच्चाई क्या है और ऊॅंट किस करवट बैठेगा यह तो वक्त ही बतायेगा.......................।

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